कई राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है. इलेक्ट्रिक वाहन के ग्राहक टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन सा टैक्स छूट इस पर दिया जा रहा है और ग्राहक कैसे इसका फायदा उठा सकते हैं.
नई दिल्ली. पिछले कुछ वर्षों से देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ी है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छूने के बाद से इस मांग में और बढ़ोतरी हुई है. इलेक्ट्रिक वाहन न सिर्फ प्रदूषण मुक्त होते हैं, बल्कि पंरपरागत वाहनों की तुलना में इन्हें चलाने का खर्च भी कम आता है.
यही वजह है कि कई राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है. साथ ही, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और मेघालय जैसे राज्य ग्राहकों को सब्सिडी भी मुहैया करा रहे हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन के ग्राहक टैक्स छूट भी हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन सा टैक्स छूट इस पर दिया जा रहा है और ग्राहक कैसे इसका फायदा उठा सकते हैं.
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इनकम टैक्स छूट
अगर आपने ऑटो लोन पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा है तो इनकम टैक्स की धारा 80ईईबी के तहत आप टैक्स छूट का दावा करने के हकदार हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में नियमों में संशोधन कर इस धारा को जोड़ा है. इससे पहले ऑटो लोन पर यह सुविधा नहीं थी. 80ईईबी के तहत ऑटो लोन के ब्याज पर सालाना 1.5 लाख रुपये तक की छूट का दावा इलेक्ट्रिक वाहन के ग्राहक कर सकते हैं. फोर व्हीलर और टू-व्हीलर दोनों की खरीद पर इस छूट का दावा किया जा सकता है.
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इन्हें मिलेगी छूट
80ईईबी के तहत वही ग्राहक इनकम टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं जिन्होंने पहली बार लोन पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा है. यह छूट सिर्फ व्यक्तिगत खरीदारों के लिए है. किसी कंपनी के नाम पर खरीदे जाने वाले वाहन के लिए टैक्स छूट नहीं है. इसके अलावा, उन्हीं व्यक्तिगत ग्राहक को टैक्स छूट मिलेगी जिन्होंने रजिस्टर्ड बैंक या एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) से ऑटो लोन लिया होगा.
वित्त वर्ष 2020-21 से इनकम टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है. फिलहाल 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2023 तक खरीदे जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लोन पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है. इसके अलावा सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर में भी कटौती कर दी है. पहले के 12 फीसदी से घटा कर जीएसटी की दर 5 फीसदी कर दी गई है.