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Cryptocurrency Luna Crash: करंसी डूबने से सदमे में निवेशक, जानिए डिलिस्टिंग के बाद क्या फिर से हो पाएगी खड़ी

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Luna Crypto Crash: लूना नाम की क्रिप्टोकरेंसी करीब करीब 100 प्रतिशत टूट चुकी है. टेरा और लूना के साथ ही दूसरी क्रिप्टोकरेंसियों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. आगे की ये हो रणनीति.

Cryptocurrency Crash: क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बेहद अनिश्चितताओं वाला है. यहां एक पल भर में निवेशक आसमान पर पहुंच जाता है तो दूसरे ही पल जमीन पर आ गिरता है. बीते दिनों से डिजिटल करेंसी के बाजार में जो हालात हैं, उन्हें देख निवेशकों में नकारात्मक भावना घर कर गई है. दरअसल बिटक्वाइन-इथेरियम से लेकर ज्यादातर करेंसी धराशायी हो चुकी हैं.

इस दौरान सबसे ज्यादा झटका टेरा और उसकी सिस्टर करेंसी लूना के निवेशकों को लगते देखा गया है. इन दोनों में इतनी गिरावट आई कि एक्सचेंजों ने इन्हें डिलिस्ट कर दिया है.

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एक झटके में भयंकर घाटा

टेरा का हाल बेहाल होने से निवेशकों को चूना लगा ही था. इसके बाद टेरा के कदम से कदम मिलाते हुए लूना इस कदर टूटा कि अपने निवेशकों को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया. क्रिप्टोकरेंसी लूना लगभग 100 प्रतिशत टूट चुकी है, रिपोर्ट की मानें तो इसका दाम 9000 रुपये से गिरकर 50 पैसे रह गया है. शनिवार को इसमें आई गिरावट से निवेशकों के करीब 40 अरब डॉलर डूब गए थे.

क्रिप्टो बाजार के खतरे दिखे

लूना में आई इस बड़ी गिरावट ने उन बातों की पुष्टि की है कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में ऐसी अनियमितता है जो निवेशकों के लिए बड़ा खतरा हो सकती है. बीते काफी समय से क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट का जो दौर जारी है, उससे टेरा या लूना ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय बिटक्वाइन समेत अन्य का भी बुरा हाल है. बिटक्वाइन अपने उच्च स्तर से 50 प्रतिशत से ज्यादा तक टूट चुका है. इस समय क्रिप्टो बाजार में बिकवाली का असर भी गिरावट के रूप में साफ दिखाई दे रहा है.

डिलिस्ट हुई करंसी

सबसे बड़ी गिरावट के चलते एक्सचेंजों ने लूना और टेरा दोनों को प्लेटफॉर्म से डिलिस्ट कर दिया है यानी हटा दिया है. इनकी कीमत में भारी गिरावट आने पर क्रिप्टो एक्सचेंज इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा देते हैं. ऐसा इसलिए होता है ताकि नए निवेशक उस क्रिप्टो को न खरीद सकें. चूंकि लूना का दाम बहुत गिरा है, ऐसे में नए निवेशक इस उम्मीद में इसे खरीद सकते हैं कि इसकी वैल्यू फिर से बढ़ सकती है.

वैसे अगर कोई क्रिप्टो कुछ एक्सचेंज पर डिलिस्ट हो गई है तो भी निवेशक ऐसे एक्सचेंज पर उन्हें ट्रांसफर कर सकते हैं जहां पर वे अब भी लिस्टेड हैं.

गिरावट की असली वजह

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में लगातार आ रही भारी गिरावट की बड़ी और असल वजह स्टेबलक्वाइन है. दरअसल, इस वक्त स्टेबलक्वाइन में अस्थिरता बनी हुई है, जिसका सबसे खराब असर टेरा और लूना क्वाइन पर पड़ा है. लूना के दाम में 100 प्रतिशत की गिरावट आई है. क्रिप्टो एक्सचेंज यूनोकॉन के सीईओ और को-फाउंडर सात्विक विश्वनाथ ने कहा कि इस वक्त दुनियाभर के इक्विटी और कमोडिटी बाजारों में भारी गिरावट आ रही है, जिसका असर क्रिप्टो मार्केट पर भी पड़ रहा है.

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विशेषज्ञ बोले-गिरावट से लेना होगा सबक

विशेषज्ञ इस गिरावट की तुलना 2008 के बड़े वित्तीय संकट से कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये हमें वित्तीय संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले सख्त कानूनों की मांग करने के लिए भी प्रेरित कर रही है. मुथूट माइक्रोफिन के सीईओ सदफ सईद समेत कई वित्तीय विशेषज्ञों ने कहा कि इस लूना दुर्घटना को एक सबक के तौर पर लेना चाहिए.

खासकर, उन विकासशील देशों में जहां हाल ही में अमीर बनने वाले लोगों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश एक सनक के तौर पर सामने आया है. बहरहाल, लूना में जो गिरावट है उसके फिर से खड़े होने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

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