Uber Fare Hike: अब Uber के ड्राइवर्स राइड स्वीकार करें, उससे पहले उन्हें राइडर्स का डेस्टिनेशन दिखता है, इसके अलावा उन्हें ट्रिप शुरू करने से पहले पेमेंट मोड भी दिखता है.
Uber Fare Hike: उबर इंडिया ने देश में फ्यूल की कीमतों में तेजी का हवाला देते हुये किराये में बढ़ोतरी की घोषणा की है. उबर इंडिया के निदेशक नीतीश भूषण ने गुरुवार को कहा कि फ्यूल के बढ़ते दाम का बोझ उबर के ड्राइवरों पर न पड़े, इसके लिये किराये में बढ़ोतरी की गई है.
ये भी पढ़ें– UPI Payment: बिना इंटरनेट के भी फीचर फोन से कर सकते हैं यूपीआई पेमेंट, जानें पूरा प्रोसेस
किराये बढ़ाने का ये कारण बताया कंपनी ने
नीतीश भूषण ने बताया कि ड्राइवरों में यह मामला कंपनी के सामने उठाया था. उन्होंने कहा कि फ्यूल की कीमतों में तेजी ने सभी को प्रभावित किया है, खासकर राइड शेयरिंग करने वाले ड्राइवर्स को यह अधिक महसूस हुआ है. नीतीश ने कहा कि उबर का हमेशा से प्रयास रहा है कि ड्राइवर उससे जुड़ने को आकर्षक विकल्प के रूप में समझें. किराये में बढ़ोतरी करने से उनकी प्रति ट्रिप आमदनी बढ़ जायेगी.
उबर ड्राइवर्स को दिखेगा पेमेंट मोड और डेस्टिनेशन
कंपनी ने कहा कि अब ड्राइवर्स राइड स्वीकार करें, उससे पहले उन्हें राइडर्स का गंतव्य दिखता है. उन्हें ट्रिप शुरू करने से पहले पेमेंट मोड भी दिखता है. उबर ने ड्राइवर को प्रति दिन भुगतान की भी नई प्रक्रिया शुरू की है.
राइड कैंसिलेशन और सर्ज प्राइसिंग पर नहीं की चर्चा
उबर ने लेकिन ड्राइवर्स द्वारा राइड रद्द किये जाने और सर्ज प्राइसिंग के मुद्दे पर चर्चा नहीं की. गत सप्ताह ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने उबर और ओला जैसी कंपनियों को राइड रद्द किये जाने, कैंसिलेशन चार्ज, रैंडम सर्ज प्राइसिंग, अधिक वेटिंग टाइम जैसी यूजर्स की शिकायतों का निवारण करने की चेतावनी दी है. ऐसा न करने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें– LIC Jeevan Labh: जानिए ये शानदार स्कीम, यहां रोज 10 रुपये से भी कम के निवेश पर मिलेंगे 17 लाख
कंपनियों पर है कड़ी नजर
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने इन कंपनियों को 30 दिन के भीतर अपना एल्गोरिदम ठीक करने के लिये कहा है. निधि खरे ने कहा है कि कंपनियां राइड कैंसिलेशन और सर्ज प्राइसिंग से संबंधित एल्गोरिद्म को ठीक करें वरना उन पर जुर्माना लगाया जायेगा. प्राधिकरण को उबर और ओला जैसी कंपनियों के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं. यूजर्स का कहना है कि कैब ड्राइवर राइडर पर ट्रिप कैंसिल करने का दबाव बनाते हैं, जिसके कारण राइडर्स को कैंसिलेशन चार्ज देना पड़ता है. सूत्रों के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का विभाग भी सर्ज प्राइसिंग और राइड कैंसिलेशन से संबंधित नये दिशानिर्देश जारी करेगा.