महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बाद अब उत्तर प्रदेश में ताजमहल बनाम तेजोमहल का मामला गरमाता जा रहा है.
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बाद अब उत्तर प्रदेश में ताजमहल बनाम तेजोमहल का मामला गरमाता जा रहा है. राज्य के सियासी पारे के चढ़ने का अनुमान महाराणा प्रताप सेना के ऐलान से लगाया जा सकता है. महाराणा प्रताप सेना ने ऐलान किया है कि आने वाली 30 मई को संगठन के तकरीबन एक लाख कार्यकर्ताओं के साथ ताजमहल कैंपस के अंदर शिव चालीसा का पाठ और आरती करेंगे.
उन्होंने बताया कि अनुमति के लिए हमने प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी और पुलिस महानिदेशक को पत्र भी लिखा है. संगठन अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार के मुताबिक अनुमति ना मिलने पर भी हम वहां जाएंगे. ये पूरी यात्रा लखनऊ के दफ्तर से शुरू की जाएगी. बताते चलें कि संगठन ताजमहल का नाम तेजोमहल करने की मांग कर रहा.
इतना ही नहीं महाराणा प्रताप सेना ने असदुद्दीन ओवैसी को लेकर भी निशाना साधते हुए ऐलान किया है कि AIMIM चीफ के ठिकानों का गंगाजल से शुद्धिकरण किया जाएगा. महाराणा प्रताप सेना के अनुसार ओवैसी के शुद्धिकरण के साथ उनके सभी आवासों और दफ्तरों पर शिव चालीसा का पाठ किया जाएगा. बताते चलें कि पिछले निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी महाराष्ट्र में लाउडस्पीकरों के विरोध में हनुमान चालीसा के पाठ का कार्यक्रम किया था, जिसके बाद उनको हिरासत में ले लिया गया था.