पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सीता के श्राप के कारण फल्गु नदी अंत: सलिला है पर अब इस पर बन रहे रबर डैम से यहां पूरे साल पानी रहेगा.
Gaya News: बिहार के गया में फल्गु नदी पर बन रहे रबर डैम को अपने समय पर पूरा करने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को गया का दौरा किया. इस दौरे पर उन्होंने गंगा उद्वह योजना और रबर डैम के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया. गया जिला के दौरे पर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने पहले विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की इसके बाद उन्होंने देवघाट पर बन रहे रबर डैम के कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने इस दौरान रबर डैम के बचे हुए कार्यों की जानकारी ली और योजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. इस योजना के तहत गंगाजल को शुद्ध कर मानपुर, बोधगया और गया शहर के सभी घरों में पेयजलापूर्ती करनी.
फल्गु नदी को मिलेगी श्राप से मुक्ति
आपको बता दें की पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सीता के श्राप के कारण फल्गु नदी अंत: सलिला है. रबर डैम के निर्माण के बाद पूरे वर्ष इस नदीं में लगभग 3 फीट पानी रहेगा. राज्य सरकार के योजना के तहत बन रहे भारत के इस सबसे बड़े रबर डैम का कार्य अगस्त तक पूरा करना करना है वहीं सितंबर महीने तक इस योजना का कार्य खत्म इसे हैंडओवर करना है.
क्या है माता सीता का श्राप ?
पौराणिक कथा है कि वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता दशरथ का श्राद्ध करने गया गये थे. वहां राम और लक्ष्मण श्राद्ध का सामान जुटाने गए थे कि किसी कारण से माता ने दशरथ का श्राद्ध कर दिया. हालांकि स्थल पुराण की कथा के अनुसार राजा दशरथ का श्राद्ध उनके छोटे बेटों भरत और शत्रुघ्न ने किया था. लेकिन दशरथ को सबसे ज्यादा प्यारे उनके बड़े बेटे राम थे इसलिए दशरथ की चिता की राख उड़ते-उड़ते गया नदी के पास पहुंची. उस वक्त केवल माता सीता वहां मौजूद थी. राख ने आकृति बनाकर माता से कुछ कहने का प्रयास किया तो माता समझ गईं कि श्राद्ध का समय निकल रहा है और राम और लक्ष्मण सामान लेकर वापस नहीं लौटे हैं.
इस समय सीता माता ने फल्गु नदी की रेत से पिंड बनाए और पिंडदान कर दिया. इस पिंडदान का साक्षी माता ने वहां मौजूद फल्गु नदी, गाय, तुलसी, अक्षय वट और एक ब्राह्मण को बनाया. लेकिन जब भगवान राम और लक्ष्मण वापस आए और श्राद्ध के बारे में पूछा तो फल्गु नदी ने उनके गुस्से से बचने के लिए झूठ बोल दिया. तब माता सीता ने गुस्से में आकर नदी को श्राप दिया और तब से ये नदी भूमि के नीचे बहती है और इसलिए इस नदी को अंत:सलिला भी कहा जाता है.