Beer Shortage Delhi: दिल्ली में बढ़ती गर्मी की वजह से बीयर की डिमांड बढ़ गई है. ज्यादातर दुकानों से बड़े बीयर के ब्रांड्स गायब हो गए हैं. जल्दी गर्मी शुरु होने से मांग बढ़ी है.
Beer Shortage 2022: दिल्ली में बढ़ती चिलचिलाती गर्मी, बढ़ती मांग और प्रतिबंधित आपूर्ति की वजह से ज्यादातर दुकानों पर लोकप्रिय ब्रांडों के बीयर की भारी कमी हो गई है. बीयर लोगों के सबसे पसंदीदा अल्कोहल ड्रिंक में से एक है. लेकिन आपूर्ति प्रतिबंधित होने के कारण बीयर रेस्टो-बार से भी गायब हो गई है. इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार शॉर्टेज की स्थिति जुलाई तक जारी रहने की संभावना है. ऐसे में बीयर पीने वालों को अन्य दुसरे विकल्पों की तलाश करनी पड़ सकती है.
सभी प्रमुख बड़े ब्रांड मार्केट से गायब
गौरतलब है कि दिल्ली में हर साल बीयर की मांग बढ़ती है और इसमें सीमित आपूर्ति देखी जाती है. लेकिन शराब विक्रेताओं के मुताबिक इस बार ये पहली बार है कि सभी प्रमुख बड़े ब्रांड मार्केट से गायब हैं. इसमें कैन, पाइन्ट और बोतल लेगर और स्ट्रांग बीयर दुकानों की शेल्फ से गायब हो गए हैं. एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार, मार्केट में जो नए ब्रांड हैं उनकी भारी बिक्री दर्ज की जा रही है. कुछ विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों से प्रीमियम रेट्स वसूलने की खबरें भी आई हैं. ज्यादातर ब्रांडों को अधिकतम रेट पर बेचा जा रहा है और दुकानदार बीयर पर छूट भी नहीं दे रहे हैं.
साल बीयर की भारी मांग
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरी ने इस बारे में कहा, “इस साल बीयर की मांग में पिछले वर्षों की तुलना में कम से कम 30% की बढोत्तरी हुई है. मार्च में गर्मी जल्दी शुरू होने के कारण इस बार मांग अचानक बढ़ गई है.”
विनोद गिरी ने आगे बताया, “जिन राज्यों में डिस्टिलरी (शराब बनाने की फैक्ट्री) हैं, राज्य डिस्टिलरी को दूसरे राज्यों में बीयर निर्यात करने से पहले घरेलू मांग को पूरा करने के लिए कहते हैं. दिल्ली में कोई डिस्टिलरी नहीं है. ऐसे में दिल्ली में आपूर्ति राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू से होती है. प्रतिबंधित आपूर्ति के कारण, उपलब्धता कम है.”
अप्रैल-जुलाई में बीयर की 40% से अधिक खपत
एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में हर साल बीयर के 315-320 मिलियन बोतलें या केन बेची जाती हैं. अप्रैल-जुलाई के दौरान जब गर्मी चरम पर होती है तो बीयर की 40% से अधिक की खपत होती है. आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ में इसकी खपत में भी वृद्धि होने की संभावना है.