जम्मू-कश्मीर सरकार ने घाटी के ग्रामीणों इलाके से 177 कश्मीरी पंडित शिक्षकों का ट्रांसफर श्रीनगर के लिए कर दिया है. शिक्षकों ने सरकार से सुरक्षित जगह तबादले की मांग की थी.
जम्मू-कश्मीर में टारगेट कीलिंग की घटनाओं के बीच राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों से 177 कश्मीरी पंडित शिक्षकों को श्रीनगर के लिए ट्रांसफर कर दिया है. सरकार ने यह फैसला घाटी में आतंकी घटनाओं को देखते हुए लिया. कश्मीरी पंडित समुदाय से जुड़े लोगों ने घाटी से जम्मू स्थानांतरित करने की मांग की थी. सरकार ने अब उन्हें श्रीनगर शहर के सुरक्षित इलाकों में तैनात कर दिया है.
वहीं, आतंकवादियों ने शनिवार को अगलार ज़ैनापोरा इलाके में ग्रेनेड फेंका. इसमें दो गैर-स्थानीय लोग मामूली रूप से घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.
बता दें कि कश्मीर घाटी में पिछले कई दिनों से आतंकी प्रवासी लोगों विशेष रुप से हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं. टारगेट कीलिंग के कारण प्रवासी कामगारों में दहशत है. डर की वजह से पीएम पैकेज के तहत काम कर रहे कश्मीरी पंडित जम्मू पहुंचे हैं. एक कामगार ने समाचार एजेंसी ने कहा कि आज का कश्मीर 1990 के दशक से भी ज्यादा खतरनाक है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि हमारे लोगों को हमारी कॉलोनियों में क्यों बंद कर दिया गया. प्रशासन अपनी विफलता क्यों छुपा रहा है?
केजरीवाल बोले उचित कदम उठाए केंद्र सरकार
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर की स्थिति को लेकर पूरा देश चिंतित है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हर जरूरी कदम उठाए. कश्मीर के लोग अब बहुत बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं, ये अच्छी बात नहीं है.बहुत दिनों के बाद वो एक उम्मीद के साथ गए थे.