All for Joomla All for Webmasters
समाचार

Prophet Muhammad: खाड़ी देशों की नाराजगी को भारत क्यों नहीं कर सकता अनदेखा, जानिए वजह

Prophet Muhammad Controversy: नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल पर आनन-फानन में की गई BJP की सख्त कार्रवाई यूं ही नहीं हो गई. इसके पीछे खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंधों की अहमियत का होना है.

Nupur Sharma Prophet Muhammad Controversy: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने दो प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल (Navin Jindal) के खिलाफ कार्रवाई कई खाड़ी देशों (Gulf Countries) के आक्रोश के बाद की. खाड़ी देशों  से भारत के संबंध अहम है. इसलिए भारत सरकार इन देशों की नाराजगी को संजीदगी से ले रही है. बहुत हद तक भारत की अर्थव्यवस्था का ताना-बाना खाड़ी देशों पर निर्भर करता है. क्रूड ऑयल जैसी अहम चीज़ दुनिया के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था हिलाने के लिए काफी है. इन देशों से शायद ही कोई देश दुश्मनी या नाराजगी लेने की हिम्मत कर पाएं. इस मामले में यही हाल भारत की भी हो रहा है.

बीजेपी की कार्रवाई कर रही इशारा

पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर रविवार को  बीजेपी (BJP) ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को सस्पेंड और दिल्ली के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया. बीजेपी ने यह कदम तीन खाड़ी देशों के भारतीय राजदूतों को उनके दूतावास में बुलाकर उनसे इस मामले पर नाराजगी जाहिर करने और सार्वजनिक माफ़ी की मांग के बाद उठाया. केंद्र सरकार का अपने महत्वपूर्ण मेंबर्स के खिलाफ उठाया गया यह कदम ये बताने के लिए काफी है कि खाड़ी देशों के लिए भारत के लिए क्या अहमियत है? यहूदी देश इसराइल को छोड़ दिया जाए तो खाड़ी क्षेत्र के 10 अन्य क्षेत्रों जिसमें सऊदी, अरब, कतर, ईरान, इराक, बहरीन, कुवैत, यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE), ओमान, जार्डन और यमन एक साथ दुनिया की मुस्लिम आबादी के पांचवे हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है. 

भारत के लिए ये क्षेत्र क्यों हैं अहम? 
भारत ने सदियों से ईरान और कतर जैसे देशों के साथ अच्छे संबंधों का आनंद लिया है. खाड़ी क्षेत्र में ये भारत के सबसे करीबी मैत्रीपूर्ण सहयोगी संबंध वाले देश रहे हैं. हालांकि भारत खाड़ी क्षेत्रों के अधिकांश देशों के साथ भी अच्छे संबंध रखता है. इन देशों के बीच इस तरह के संबंधों होने की दो मुख्य वजह हैं. पहली- तेल, गैस, व्यापार. दूसरी- भारतीयों का बहुत बड़ी संख्या में इन देशों में काम करना और यहां से भारत को पैसा भेजना.

कितना है भारत का व्यापार यहां
रियाद में भारतीय दूतावास के मुताबिक दि गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल जिसमें यूएई (UAE), बहरीन, सऊदी अरब, ओमान कतर और कुवैत शामिल हैं. इस काउंसिल के सदस्य देश भारत के मेजर ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर उभरे हैं और भविष्य में इसे भारत के सबसे बड़े और ताकवर निवेश सहयोगी (Investment Partner ) तौर पर देखा जा सकता है. भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए GCC के प्रचुर मात्रा के प्राकृतिक गैस भंडार और तेल सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं. साल 2021-22 में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और आयात ($45 बिलियन) और निर्यात ($ 28 बिलियन) के मामले में दूसरा सबसे बड़ा पार्टनर है. बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत के साथ यूएई का कुल 6.6 फीसदी निर्यात और 7.3 आयात का कारोबार हुआ था. कोरोना काल के बाद भी भारत और यूएई का व्यापार बीते साल से अब तक 68.4 फीसदीी रहा है.

वहीं सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. बीते वित्त वर्ष में 42.1 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ. भारत इस देश से सबसे अधिक मात्रा में क्रूड ऑयल का आयात करता है. जो बीते साल चौथा सबसे बड़ा 34.1 बिलियन डॉलर आयात रहा. उधर इराक की बात की जाए तो यह बीते वित्त वर्ष में 34.3 बिलियन डॉलर का भारत का पांचवा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. कतर के साथ कुल ट्रेड 15 बिलियन डॉलर का रहा. यह देश भारत को नेचुरल गैस सप्लाई करने वाला बेहद अहम पार्टनर है. देश के उपराष्ट्रपति वेकेंया नायडू ने बीते वींकेंड पर रविवार को कतर में अपने कूटनीतिक दौरे के दौरान कहा था कि भारत अपने कुल नेचुरल गैस का 41 फीसदीी आयात के लिए कतर पर निर्भर करता है.

कितना तेल करता है भारत आयात

ऑब्जरर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अप्रैल में किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक भारत के 84 फीसदी पेट्रोलियम की मांग जिसमें क्रूड ऑयल और पेट्रोलियनम प्रोडेक्ट भी शामिल हैं वो आयात से पूरी होती है. भारत ने 2021-22 में 42 देशों से क्रूड ऑयल आयात किया था. लगातार 15 सालों पर्शियन गल्फ कंट्री से भारत का क्रूड ऑयल का आयात 60 फीसदी ही रहा है. इसमें कोई कमी नहीं दर्ज की है दशकों से. सऊदी अरब से भारत का 17 से 18 फीसदी क्रूड ऑयल होता रहा है. साथ ही कुवैत और यूएई भी हमेशा से भारत में मुख्य क्रूड ऑयल आयात करने वाले देश हैं. साल 2009-2010 ईरान भारत में क्रूड ऑयल का आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. 

खाड़ी देशों में कितने भारतीय अपने देश की अर्थव्यवस्था को देते हैं गति

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 13.46 मिलियन भारतीय नागरिक विदेशों में काम करते हैं. अगर इसमें वो नागरिक भी जोड़ दिए जाएं जो दूसरे देशों की नागरिकता ले चुके हैं तो ये आकंड़ा 32 मिलियन तक पहुंच जाता है. अगर केवल 13.4 मिलियन NRI को गिना जाए तो सबसे अधिक भारतीय खाड़ी देशों में ही रहते हैं. यूएई में 3.42 मिलियन, सऊदी अरब में  2.6 मिलियन, कुवैत में 1.03 मिलियन भारतीय रहते हैं. रिर्जव बैंक के मुताबिक साल 2016-17 में भारत में आए कुल 69 बिलियन डॉलर रेमिटेंस (पैसे की आवाजाही) 50 फीसदी से भी अधिक GCC देशों से आया है. 

पीएम का भी है फोकस

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी खाड़ी देशों पर स्पेशल फोकस है. वह तब से ही इस क्षेत्र के देशों से अपने रिश्ते बढ़ाने की तरफ ध्यान देते रहे हैं. साल 2019 दिसंबर की रैली में वह कह चुके हैं कि मोदी को मुस्लिम देशों से इतना सहयोग क्यों मिल रहा है. उन्होंने कहा था ये इसलिए है कि आज भारत के इतिहास में खाड़ी देशों के साथ देश के सबसे बेहतरीन रिश्ते हैं. फिलिस्तीन, ईरान, सऊदी अरब, यूएई. जार्डन के भारत से शानदार रिश्ते हैं. मालद्वीव और बहरीन ने उन्हें अपने देशों के सर्वोच्च नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया है.साल 2014 से मोदी कई बार इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने 2015, 2018 और 2019 में यूएई का दौरा किया. साल 2017-18 में अबु धाबी के क्राउन प्रिंस भारत आए थे. 

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top