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RBI Governor: जानिए क्यों आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने राज्यों को पेट्रोल डीजल पर वैट घटाने की दी नसीहत!

VAT On Petrol Diesel: एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकारें अभी भी डीजल पर 2 रुपये और पेट्रोल पर 3 रुपये वैट घटा सकती हैं और उनके रेवेन्यू कलेक्शन के अनुमान पर कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा. 

RBI Upon VAT Cut On Petrol Diesel: आरबीआई (RBI) गर्वनर शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das) ने राज्यों ( States) से पेट्रोल डीजल ( Petrol Diesel) पर वैट ( Value Added Tax) घटाने की अपील की है. बढ़ती महंगाई ( Rising Inflation)  के मद्देनजर कर्ज महंगा करने के लिए मजबूर आरबीआई गर्वनर ( RBI Governor) ने कहा कि अगर राज्य पेट्रोल डीजल पर वैट घटाते हैं तो इससे महंगाई ( Inflation) में कमी लाने में मदद मिलेगी. दरअसल केंद्र सरकार ने 21 मई 2022 को पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ( Excise Duty) घटाने का फैसला लिया. जिसके बाद अबतक केवल 6 राज्यों ने पेट्रोल डीजल पर वैट घटाने का फैसला किया है जिसमें केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिसा और उत्तर प्रदेश शामिल है. लेकिन देश के ज्यादातर राज्यों ने वैट में कमी नहीं की है जिसके बाद आरबीआई गर्वनर को वैट ( VAT) में कमी करने के लिए कहना पड़ा है. 

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महंगाई बना सिरदर्द, वैट घटने से कम होगी महंगाई
महंगाई आरबीआई के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ. महंगाई ही एक मात्र वजह है जिसके चलते एक महीने के भीतर दो बार आरबीआई को रेपो रेट बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. केवल एक महीने के भीतर आरबीआई ने दो चरणों में रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 4 फीसदी से 4.90 फीसदी कर दिया. नतीजा कर्ज महंगा होता जा रहा है. आम लोगों पहले से ही कमरतोड़ महंगाई से परेशान थे अब महंगी ईएमआई उनके घर का बजट बिगाड़ने पर अमादा है. दरअसल बढ़ती महंगाई पर आरबीआई के नसीहत के बाद ही मोदी सरकार ने 21 मई 2022 को पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कई राज्यों ने पेट्रोल डीजल पर वैट घटाया है. हालांकि ज्यादातर राज्यों ने वैट में कोई कमी नहीं की है. जिसके बाद बुधवार को पॉलिसी स्टेटमेंट पढ़ते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास को ये कहने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि राज्य अगर पेट्रोल डीजल पर वैट घटाते हैं इससे महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी.  

पेट्रोल 3 रुपये तो डीजल 2 रुपये हो सकता है सस्ता!
देश के सबसे बड़ा एसबीआई ने अपने एक रिपोर्ट में कहा है कि जब पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ रही थीं तो राज्यों को 49,229 करोड़ रुपये को अतिरिक्त मुनाफा पेट्रोल डीजल पर वैट वसूली से हुआ है. और एक्साइज ज्यूटी के घटने से उन्हें 15,021 करोड़ रुपये का रेवेन्यू का नुकसान होगा. यानि राज्यों के पास अभी भी अवसर है कि वे 34,208 करोड़ रुपये के अतिरिक्त रेवेन्यू जो उन्होंने वैट से कमाया है उसे छोड़ सकते हैं. महाराष्ट्र ( Maharasta), गुजरात ( Gujarat) और तेलंगाना ( Telangana) को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. दरअसल राज्य सरकार पेट्रोल डीजल पर एड-वेरोलम (Ad-Valorem) वैट वसूलती हैं. यानि पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते हैं तो वैट अपने आप बढ़ता चला जाता है. और जब पेट्रोल डीजल के दाम घटते हैं तो अपने आप वैट कम होता जाता है.  एसबीआई ( SBI) के चीफ इकोनॉमिस्ट सौम्या कांति घोष (Saumya Kanti Ghosh) के मुताबिक राज्य सरकारें अभी भी डीजल पर 2 रुपये और पेट्रोल पर 3 रुपये वैट घटा सकती हैं और उनके रेवेन्यू कलेक्शन के अनुमान पर कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा. 

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वैट घटने के फायदे 
आरबीआई गर्वनर ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान करते हुए कहा कि आरबीआई ने शहरी इलाकों में घरों में जो सर्वे कराया है उसके मुताबिक 21 मई 2022 को पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद लोगों को महंगाई में कमी आने की उम्मीद जगी है. ऐसे में राज्य अगर वैट घटाते हैं तो महंगाई में और कमी आएगी जिससे कर्ज के महंगा होने का खतरा टलेगा और लोगों को महंगी ईएमआई से नहीं जूझना पड़ेगा. 

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