उत्तराखंड स्थित चारधामों की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की विभिन्न दुर्घटनाओं में मौत को देखते हुए 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देने का फैसला किया गया है. तीर्थयात्रियों का बीमा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी करेगी.
नई दिल्ली . भारतीय धर्मग्रंथों में धार्मिक यात्रा यानी तीर्थयात्रा की काफी अहमियत है. अधिकतर लोग अपने जीवन में कभी न कभी चार धाम की यात्रा जरूर करना चाहते हैं. वैसे, धार्मिक ग्रंथों में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम की चर्चा चारधाम के रूप में की गई है. वहीं, उत्तराखंड में बद्रीनाथ के अलावा केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री भी इन धामों में शामिल हैं.
ये भी पढ़ें– SBI, HDFC, कोटक महिंद्रा और IDBI बैंक के ग्राहकों के लिए आई अच्छी खबर
उत्तराखंड सरकार की ओर से पहली बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर (Accident Insurance Cover) दिया जाएगा. दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में अलग-अलग वजहों से इन चारधाम की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं. उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में यदि किसी तीर्थयात्री का दुर्घटना में आकस्मिक निधन होता है, तो मानव उत्थान सेवा कमेटी के सहयोग से मंदिर कमेटी बीमा की सुविधा देगी. बीमा की रकम का भुगतान यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के जरिये किया जाएगा.
सतपाल महाराज की पहल
केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर कमेटी (KBTC) के मीडिया इंचार्ज हरीश गौड़ ने बताया कि आध्यात्मिक संस्था मानव उत्थान सेवा कमेटी की ओर से तीर्थयात्रियों को बीमा कवर यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड प्रदान करेगा. इस कमेटी की स्थापना उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने की है. बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कमेटी (BKTC) के प्रेसिडेंट अजेंद्र अजय ने मानव उत्थान सेवा कमेटी के फाउंडर और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर के लिए आभार जताया है. उन्होंने ट्वीट कर बीमा कवर की जानकारी भी दी है.
110 तीर्थयात्रियों की हो चुकी मौत
पवित्र तीर्थस्थल होने के कारण बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर-साल लाखों की संख्या में तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचते हैं. पिछले कुछ सालों में तीर्थयात्रियों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं. 2017 में 112, 2018 में 102 और 2019 में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इस साल भी 3 मई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 110 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इसे देखते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यह बड़ा फैसला लिया है.