पिछले दिनों पैसेंजर्स को बोर्डिंग से रोकने के कारण डीजीसीए के 10 लाख रुपये के जुर्माने के बाद एयर इंडिया अब काफी सतर्क हो गई है. यह एयरलाइन पैसेंजर्स की सुविधा के लिए अब सिंपलफ्लाइंग की रिपोर्ट के आधार पर सेवाओं में बदलाव की योजना बना रही है.
नई दिल्ली . डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के बाद अब एयर इंडिया काफी सतर्क हो गई है. यह एयरलाइन सिंपलफ्लाइंग (Simpleflying) की रिपोर्ट के आधार पर अपने कस्टमर्स की संतुष्टि के लिए अपनी सेवाओं में कई बदलाव करने की योजना बना रही है. टाटा ग्रुप के मैनेजमेंट ने एयर इंडिया के टेकओवर के समय कहा था कि कंपनी अपने कस्टमर्स सेवाओं में सुधार के लिए कुछ अहम बदलाव करेगी. मैनेजमेंट ने कहा था कि कंपनी टिकट बुकिंग से लेकर ऑनबोर्ड उड़ान सेवाओं तक सभी चीजों में सुधार करेगी.
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पैसेंजर्स की संतुष्टि (Customer Satisfaction) मामले में एयर इंडिया का खराब रिकॉर्ड अप्रैल के आधिकारिक आंकड़ों से भी स्पष्ट होता है. इस एविएशन कंपनी में प्रति 10 हजार पैसेंजर्स पर 2.4 शिकायतें दर्ज की गईं. वहीं, इंडिगो और विस्तारा को प्रति 10 हजार यात्रियों पर महज 0.1 शिकायतें मिलीं. 27 जनवरी, 2022 से एयर इंडिया को टाटा ग्रुप के हवाले कर दिया गया था. एयर इंडिया में सुधार के मकसद से कंपनी वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) भी पेश कर चुकी है.
कंपनी में मची है हलचल
जब एयर इंडिया को टाटा ग्रुप के हवाले किया गया था, उस समय टाटा संस के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने एयर इंडिया के नए पैसेंजर्स का स्वागत किया था. उन्होंने अपने ऑडियो मैसेज में कहा था, “टाटा ग्रुप आराम और सर्विस मामले में एयर इंडिया को पैसेंजर्स का पसंदीदा बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्साहित है.” टाटा ग्रुप के खेमे में एयर इंडिया के आने के बाद से इस कंपनी में कई तरह की हलचल मची हुई है. हालांकि, एयर इंडिया को पसंदीदा एयरलाइन बनने का लक्ष्य हासिल करना बाकी है.
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कारण बताओ नोटिस
डीजीसीए ने हाल ही में वैध टिकट के बावजूद पैसेंजर्स को बोर्डिंग (Boarding) से इनकार करने पर एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. उन पैसेंजर्स को आवश्यक मुआवजा नहीं देने के कारण कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. साथ ही, इस मामले में व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी.