All for Joomla All for Webmasters
समाचार

भारत में टैबलेट-आधारित कोविड वैक्सीन को मंजूरी, जल्‍द शुरू होंगे क्लिनिकल ट्रायल्‍स

भारत में टैबलेट (Tablet) आधारित कोविड वैक्सीन (Covid vaccine) को मंजूरी दे दी गई है और अब दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल्‍स (Clinical Trial) जल्‍द शुरू होंगे. भारत की शीर्ष वैक्सीन परीक्षण प्रयोगशाला ने मौखिक टैबलेट-आधारित कोविड -19 वैक्सीन के एक बैच को मंजूरी दे दी है.

नई दिल्‍ली. भारत में टैबलेट (Tablet) आधारित कोविड वैक्सीन (Covid vaccine) को मंजूरी दे दी गई है और अब दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल्‍स (Clinical Trial) जल्‍द शुरू होंगे. भारत की शीर्ष वैक्सीन परीक्षण प्रयोगशाला ने मौखिक टैबलेट-आधारित कोविड -19 वैक्सीन के एक बैच को मंजूरी दे दी है. दरअसल अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी, वैक्सर्ट, भारत में अपना चरण II क्लिनिकल ट्रायल्‍स जल्द ही शुरू कर रही है. इसे देश की शीर्ष दवा प्रयोगशाला, हिमाचल प्रदेश के कसौली में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) ने वैक्सर्ट द्वारा निर्मित ‘वीएक्सए-सीओवी2 एंटरिक-कोटेड टैबलेट’ के नमूनों को मंजूरी दे दी है. यह ट्रायल्‍स दुनिया भर में हो रहे हैं और भारत में होने वाले ट्रायल्‍स भी उसी का हिस्सा है, जिसे पिछले अक्टूबर में अमेरिका में लॉन्च किया गया था.

डॉक्‍टर्स का कहना है कि यह खास तौर डिजाइन किया गया वैक्‍सीन है जिसे गोली या टैबलेट के तौर लिया जा सकेगा. यह मौखिक तौर से ही लिया जा सकेगा. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने News18.Com को बताया ‘हमने टैबलेट-आधारित कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी है और परीक्षण जल्द ही शुरू होने की संभावना है. यदि वैक्सीन सफल साबित होती है, तो यह गेमचेंजर साबित हो सकती है. उन्‍होंने कहा कि नया वैक्‍सीन लाने-ले-जाने और नए मरीजों को लगाने में बेहद आसान होगा. सीडीएल कसौली को फरवरी में टैबलेट मिले थे, सरकारी लैब ने एक मजबूत परीक्षण प्रोटोकॉल बनाने के लिए वैक्सर्ट से कई स्पष्टीकरण मांगे थे.

उन्‍होंने कहा कि ‘लैब पिछले कई दशकों से इंजेक्शन आधारित टीकों का परीक्षण कर रही है. हालांकि, इस मामले में कंपनी मुख्यालय से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत थी. सफल समाधान के बाद, टैबलेट को मंजूरी दे दी गई है.’ अब ट्रायल्‍स का उद्देश्य कोविड -19 के खिलाफ एडेनोवायरल-वेक्टर आधारित वैक्सीन की सुरक्षा, प्रतिरक्षात्मकता और प्रभावकारिता का निर्धारण करना है.

दो गोलियों का डोज, 6 महीनों तक देखी जाएगी प्रभावकारिता
उन्‍होंने कहा कि वैक्‍सीन को लेकर कई आकलन किए जाएंगे और उसकी दूसरे चरण में पुष्टि की गई कोविड के खिलाफ प्रभावकारिता का आकलन किया जाएगा, जो दूसरी खुराक के सात दिनों के बाद से होता है. इसमें प्लेसबो की तुलना में स्वस्थ वयस्कों में दोहराव-खुराक टीकाकरण कार्यक्रम होता है. टैबलेट वाली वैक्‍सीन की सुरक्षा और इम्‍युनिटी क्षमता को भी परखा जाएगा. इसमें लोगों को 1 और 29वें दिन वैक्‍सीन वाली गोली दी जाएगी, यानी दो खुराकें दी जाएंगी. इसकी प्रभावकारिता समझने के लिए 6 महीनों तक अध्‍ययन किया जाएगा. इधर, वैक्सर्ट का मानना ​​​​है कि इसका वैक्सीन उम्मीदवार म्यूकोसल श्वसन वायरस जैसे SARS-CoV-2, वायरस जो कोविड -19 का कारण बनता है, से बचाने के लिए आदर्श है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top