Singer KK death case: मशहूर सिंगर-कंपोजर कृष्णकुमार कुन्नाथ (केके) का 31 मई को कोलकाता में एक लाइव शो के दौरान हालत बिगड़ने के बाद निधन हो गया था. उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग समेत तीन याचिकाएं कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैं. अब हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को तीन हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
कोलकाताः मशहूर सिंगर-कंपोजर कृष्णकुमार कुन्नाथ (केके) की मौत के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब तलब किया है. कोलकाता में लाइव शो के कुछ देर बाद हुई केके की मौत की जांच की मांग करते हुए तीन याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की गई हैं. इन पर अब हाईकोर्ट ने सरकार को तीन हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके अलावा, प्रशासन से इस बात को लेकर सतर्क रहने को कहा है कि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाएं फिर से न हों.
कोलकाता में 31 मई को एक कार्यक्रम में परफॉर्मेंस देते वक्त हालत बिगड़ने के बाद केके का निधन हो गया था. ये कार्यक्रम नजरूल मंच ऑडिटोरियम में सत्ताधारी टीएमसी की स्टूडेंट विंग की ओर से गुरुदास कॉलेज फेस्टिवल के तहत आयोजित किया गया था. लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक, एक याचिका में केके की मौत की सीबीआई जांच की मांग की गई है. आरोप लगाया गया है कि केके के कार्यक्रम के दौरान नजरूल मंच में भारी अव्यवस्थाएं थीं. 2400 लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम में 7500 से ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत दे दी गई थी.
याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि केके के शो के दौरान ऑडिटोयिरम में एयर कंडीशन सिस्टम काम नहीं कर रहा था, जिसकी वजह से दम घुटने जैसी स्थिति हो गई थी. इन आरोपों के समर्थन में कई वीडियो क्लिप भी कोर्ट में पेश की गई हैं. इनमें से कई में केके परफॉर्मेंस के दौरान बेचैन होते भी दिख रहे हैं. हालत खराब होने पर उन्होंने शो के बीच में 10 मिनट का ब्रेक भी लिया था. एक अन्य याचिका में स्टूडेंट विंग को कार्यक्रम के आयोजन के लिए 30 लाख रुपये जारी करने पर भी सवाल उठाए गए हैं. दलील दी गई है कि 2013 के बाद छात्र संघ का कोई चुनाव ही नहीं हुआ है, इसके बावजूद एक राजनीतिक दल से संबंधित स्टूडेंट यूनियन को पैसा दे दिया गया.
लाइव लॉ के मुताबिक, राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल एसएन मुखर्जी ने याचिकाओं को खारिज करने की मांग की. उन्होंने दलील देते हुए कहा कि दिवंगत सिंगर के परिजनों की तरफ से एक भी शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, ऐसे में सीबीआई जांच की मांग जायज नहीं है. सुनवाई के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिव राजर्षि भारद्वाज की बेंच ने सरकार को 3 हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.