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इमरान खान की हत्या की फिराक में हैं आतंकवादी, आतंक विरोधी विभाग की चेतावनी

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इमरान खान विश्वास मत हारकर ढाई महीने से सत्ता से बाहर हैं. उन्होंने सत्ता में रहते हुए अमेरिका पर आरोप लगाया था कि जो बाइडन सरकार उन्हें सत्ता से हटाना चाहती है. हालांकि, वॉशिंगटन से इससे इनकार किया है. इमरान खान ने मई महीने में कहा था कि उनकी जान को खतरा है. इसके बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गृह मंत्रालय को इमरान खान को हर संभव सुरक्षा देने का निर्देश सुरक्षा एजेंसियों को दिया था.

इस्लामाबाद. आतंकवादी पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की हत्या की योजना बना रहे हैं. इसके लिए अफगानिस्तान में एक हत्यारे से सहायता मांगी है. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकवाद विरोधी विभाग, खैबर पख्तूनख्वा विंग ने चेतावनी दी है. पाकिस्तानी अखबार ‘जंग’ की एक रिपोर्ट बताती है कि आतंकवाद विरोधी विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों को इमरान खान की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए अखबार ने बताया कि विभाग ने 18 जून को अलर्ट जारी किया था. हालांकि धमकी को गुप्त रखने और इसे सोशल मीडिया पर लीक होने से रोकने के आदेश थे. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं ने हाल के दिनों में इमरान खान पर खतरे को लेकर चिंता जताई है. पीटीआई नेता फैयाज चौहान ने कहा है कि मेरे पास जानकारी है कि कुछ लोगों ने अफगानिस्तान में ‘कोच्चि’ नामक आतंकवादी को इमरान खान की हत्या करने का आदेश दिया है.

शहबाज शरीफ ने किया हर संभव सुरक्षा का वादा
इमरान खान विश्वास मत हारकर ढाई महीने से सत्ता से बाहर हैं. उन्होंने सत्ता में रहते हुए अमेरिका पर आरोप लगाया था कि जो बाइडन सरकार उन्हें सत्ता से हटाना चाहती है. हालांकि, वॉशिंगटन से इससे इनकार किया है. इमरान खान ने मई महीने में कहा था कि उनकी जान को खतरा है. इसके बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गृह मंत्रालय को इमरान खान को हर संभव सुरक्षा देने का निर्देश सुरक्षा एजेंसियों को दिया था.

इमरान खान ने दी सफाई
पकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कभी अपनी पसंद का सेना प्रमुख बनाने की योजना नहीं बनाई, जैसा की उनके विरोधियों ने आरोप लगाया है. इस्लामाबाद में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उन्होंने अपनी पसंद का सेना प्रमुख नियुक्त करने का बारे में कभी नहीं सोचा था.

उन्होंने कहा, ‘अल्लाह मेरा गवाह है. मैंने कभी नहीं सोचा कि नवंबर में सेना प्रमुख कौन होगा. इमरान खान को अपना सेना प्रमुख नियुक्त करने की जरूरत नहीं है.’ गौरतलब है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख का कार्यकाल नवंबर 2022 में समाप्त होना है.

तख्तापलट में क्या सेना की भूमिका थी
अब सवाल है कि पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को ऐसी बातें कहने की भला क्या जरूरतें पड़ने लगीं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान की पूरी सरकार की बागडोर वहां की सेना के हाथ में होती है. इमरान खान सरकार के तख्तापलट में भी कहीं न कहीं सेना की पूरी भूमिका थी.

उन पर ये आरोप लगने लगे थे कि वो बाजवा को पसंद नहीं करते हैं. इन्हीं सारी बातों को लेकर उनकी सत्ता छिन गई. अब इमरान खान पाकिस्तानी सेना के सामने खुद की बिगड़ी सुधारने की कोशिश में जुट गए हैं, यही वजह है कि उन्हें अल्लाह को अपना गवाह बनाना पड़ रहा है. 

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