फिजिकल गोल्ड पर अतिरिक्त कमाई के लिए निवेशकों का रुझान तेजी से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की तरफ भाग रहा है. साल 2015-16 में शुरू की गई इस योजना में अब तक 10 गुना निवेश बढ़ चुका है. महामारी के दौरान इसमें सबसे ज्यादा निवेश आया, जब देशभर में संक्रमण की वजह से फिजिकल कारोबार कम रहा था.
नई दिल्ली. आरबीआई की ओर से डिजिटल गोल्ड के रूप में जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चमक लगातार बढ़ती जा रही है. निवेशकों को इसमें तिहरा फायदा दिखता है और अब वे फिजिकल सोने के साथ इसमें निवेश को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं.
मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक, महामारी के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अहमियत सबसे ज्यादा बढ़ी है. साल 2015 में पहली बार जारी होने के बाद सॉवरने गोल्ड बॉन्ड को लेकर निवेशकों का उत्साह काफी ठंडा रहा था, लेकिन जैसे-जैसे इसके फायदों के बारे में लोगों को पता चला, उन्होंने निवेश के तौर पर इस डिजिटल गोल्ड को ज्यादा तरजीह देना शुरू कर दिया.
ये भी पढ़ें– क्रिप्टोकरेंसी मार्केट: बिटकॉइन में गिरावट, शिबा में लगातार तेजी, एक करेंसी में 1000% उछाल
ये फायदे लुभा रहे निवेशकों को
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का रेट अमूमन बाजार में चल रहे गोल्ड की तुलना में कुछ कम रहता है. यानी निवेशकों को इसे सस्ते रेट पर खरीदने का मौका मिलता है. इसके अलावा यह बॉन्ड हर साल निवेशक को 2.5 फीसदी का ब्याज भी देता है, जो सोने की बाजार में बढ़ती कीमत के अतिरिक्त होता है. साथ ही डिजिटल गोल्ड को संभालना भी आसान होता है और इस पर ग्लोबल मार्केट में रोज आने वाले उतार-चढ़ाव का भी कोई असर नहीं पड़ता.
कैसे बढ़ गया 10 गुना निवेश
साल 2015 में जब इसे पहली बार जारी किया गया तो वित्तवर्ष 2015-16 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कुल निवेश 1,295.75 करोड़ रुपये आया. महज 6 साल के भीतर इसमें निवेश 10 गुना बढ़ गया. वित्तवर्ष 2021-22 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कुल निवेश बढ़कर 12,991 करोड़ रुपये हो गया. जैसे-जैसे फिजिकल सोने की कीमतों में उछाल आता जा रहा है, निवेशकों का रुझान गोल्ड बॉन्ड की ओर भी बढ़ता जा रहा.
ये भी पढ़ें– भारत का सबसे बड़ा बैंक घोटाला, 34,615 करोड़ की धोखाधड़ी, CBI ने इन पर दर्ज किया केस
बीते वित्तवर्ष में 1 ग्राम सोने की औसत कीमत 4,803 रुपये रही जो वित्तवर्ष 2016 की औसत कीमत के मुकाबले 82 फीसदी ज्यादा रही. आरबीआई ने इस सप्ताह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त जारी की है और इसकी कीमत एक बार फिर बाजार भाव से कम है, लेकिन अभी तक जारी बॉन्ड में सबसे ज्यादा है. इस बार सॉवरेन गोल्ड की प्रति ग्राम कीमत 5,091 रुपये रखी है. पिछले ट्रेंड को देखते हुए एक बार फिर अनुमान है कि निवेश रिकॉर्ड स्तर तक जाएगा.
महामारी में आया रिकॉर्ड निवेश
कोविड-19 महामारी के दौरान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में रिकॉर्ड निवेश आया है. 2015-16 में जारी होने के बाद से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कुल 38,761.78 करोड़ रुपये का निवेश आया है. इसमें सबसे ज्यादा महामारी की पहली लहर के दौरान 2020-21 में रहा, जब निवेशकों ने 16,048.74 करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड खरीद डाले. सबसे कम निवेश 2018-19 में आया जब निवेशकों ने महज 737.51 करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड खरीदे.