प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के साथ मन की बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी से लेकर किशोर कुमार के गानों तक का जिक्र किया। पीएम मोदी ने बताया कि किस प्रकार से इमरजेंसी के दौरान लोगों के अधिकारों को छीन लिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान भारत में “लोकतंत्र को कुचलने” के प्रयास किए गए थे।
पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान कहा, “आपातकाल के दौरान, सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश की गई। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब कुछ नियंत्रण में लाया गया।”
पीएम मोदी ने कहा, “सेंसरशिप इतनी सख्त थी कि बिना मंजूरी के कुछ भी प्रकाशित नहीं किया जा सकता था। मुझे याद है जब प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की प्रशंसा करने से इनकार कर दिया था, तो उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था। उन्हें रेडियो पर अनुमति नहीं थी। कई प्रयासों के बावजूद हजारों की संख्या में गिरफ्तारी और लाखों लोगों पर अत्याचार हुए।सदियों से हमारे भीतर निहित लोकतांत्रिक मूल्य, हमारी रगों में बहने वाले लोकतंत्र की भावना की आखिरकार जीत हुई थी।”