Sahara India: सहारा के करोड़ों निवेशकों से जुड़ी जरूरी खबर, सुब्रत राय के खिलाफ हुई यह बड़ी कार्रवाई
Sahara India: अगर आपका पैसा भी सहारा इंडिया (Sahara India) में फंसा हुआ है तो यह खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सहारा ग्रुप (Sahara Group) की दो कंपनियों सुब्रत रॉय और तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का भारी भरकम जुर्माना लगाया है.
ये भी पढ़ें– 7th Pay Commission Big Update: बकाया डीए एरियर पर सबसे बड़ा अपडेट! अब कर्मचारियों को दो लाख नहीं, इतनी रकम देगी सरकार
ये दो कंपनियों पर लगा जुर्माना
जिन कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (Sahara Commodity Services Corporation Ltd) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (sahara housing investment corporation limited) के साथ-साथ सुब्रत रॉय व तीन अन्य शामिल हैं.
45 दिन के अंदर जमा करना होगा जुर्माना
सेबी की तरफ से यह जुर्माना 2008 और 2009 में ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (Convertable debentures) जारी करने में नियामकीय नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है. सेबी (SEBI) ने जिन व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया है, उनमें अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव भी शामिल हैं. जुर्माने की राशि संयुक्त रूप से 45 दिन के अंदर जमा करनी है.
नियमों का उल्लंघन का मामला
यह मामला सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (अब कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की तरफ से जारी ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तन डिबेंचर (OFCD) से जुड़ा है. दोनों कंपनियों ने 2008 और 2009 में ओएफसीडी जारी किये थे. इसमें कथित रूप से सेबी के आईसीडीआर (पूंजी और खुलासा जरूरतों का मामला) नियमन और पीएफयूअीपी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार गतिविधियां निरोधक नियम) नियमों का उल्लंघन किया गया.
तीन करोड़ से ज्यादा निवेशकों का पैसा
कंपनियों की तरफ से कहा गया कि ऐसे लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए बैंक से जुड़ी सुविधाओं का फायदा नहीं उठा सकते थे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की तरफ से भी पिछले दिनों लोकसभा में दी गई जानकारी में बताया था कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400 करोड़ और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75 लाख निवेशकों से 6380 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा की थी.
ये भी पढ़ें– टैक्सेबल सैलरी से ज्यादा कटा है टीडीएस, तो जानिए कैसे करें रिफंड के लिए क्लेम?
सेबी की तरफ से निवेशकों से जानकारी मांगी और अपनी-अपनी रकम क्लेम करने के लिए कहा गया. लेकिन निवेशकों के बारे में जानकारी नहीं लग सकी. सहारा ग्रुप की कंपनियां भुगतान नहीं कर पाईं तो अदालत ने राय को जेल भेज दिया. सुब्रत राय करीब दो साल का समय जेल में काट चुके हैं. फिलहाल वह पिछले करीब 5 साल से पेरोल पर बाहर हैं.