पिछले एक साल में घरेलू रसोई गैस (LPG Price) की कीमतों मे 219 रुपये का इजाफा हो चुका है. कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil Price) और प्राकृतिक गैस के दामों में पिछले कुछ समय में आया भारी उछाल है. लेकिन अब कच्चे तेल की कीमतें नरम हो रही हैं.
नई दिल्ली. क्रूड ऑयल की कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी के कारण वर्ष 2022 में एलपीजी (LPG Price) की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. 5 जुलाई को ही सरकारी गैस कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा किया था. इस बढ़ोतरी के साथ ही 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कीमत 1,053 रुपये हो गई है. इससे पहले 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1,003 रुपये थी.
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पिछले एक साल में घरेलू रसोई गैस की कीमतों मे 219 रुपये का इजाफा हो चुका है. कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दामों में पिछले कुछ समय में आया भारी उछाल है. लेकिन अब कच्चे तेल की कीमतें नरम हो रही हैं. बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 2 फीसदी गिरकर 12 सप्ताह के निम्नतम स्तर पर चली गई. गुरुवार को भी ब्रेंड क्रूड फ्यूचर प्राइस गिरकर 100 डॉलर बैरल से नीचे आ गया. इसी तरह डब्ल्यूटीआई क्रूड फ्यूचर भी 0.8 फीसदी गिरकर 97.74 डॉलर प्रति बैरल रह गया.
क्या LPG के दाम होंगे कम?
News18.com की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रूड ऑयल की कीमतों का एलपीजी के साथ सीधा संबंध है. मोतीलाल ओसवाल में सीनियर ग्रुप वीपी सर्वेंदु भूषण का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल के दाम आसमान पर पहुंच गए. इसी कारण भारत में एलपीजी के दामों में भी इजाफा हुआ है. जैसे ही कच्चे तेल के दाम गिरेंगे, तो हम एलपीजी की कीमत में भी कमी होने की उम्मीद कर सकते हैं. पीएसएल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिर्ट्स के सुविज्ञ अवस्थी का कहना है कि एलपीजी की कीमतें बढ़ने का कारण डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम गैस के दामों में आया उछाल है. कच्चे तेल की कीमतें अगर गिरती है तो इसका असर एलपीजी के दाम पर भी होगा. एबीए लॉ ऑफिस की फाउंडर अनुष्का अरोड़ा का कहना है कि एलपीजी की कीमत बढ़ने के कई कारण है. इनमें कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, महंगाई का रिकॉर्ड स्तर पर जाना और रूस-यूक्रेन युद्ध शामिल हैं.
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ऐसे तय होती है LPG की कीमत
एलपीजी कीमत की गणना एक फार्मूले के आधार की जाती है जिस आयात समता मूल्य (Import Parity Price-IPP) कहा जाता है. इस फार्मूले से एलपीजी कीमत की गणना करने में क्रूड ऑयल का रेट बहुत अहम स्थान रखता है. आईपीपी फार्मूले को लागू करते समय विभिन्न घटकों जैसे एफओबी प्राइस, समुद्री भाड़ा, इंश्योरेंस, कस्टम ड्यूटी और बंदरगाह के खर्च को ध्यान में रखा जाता है. भारत इन सब खर्चों को डॉलर से रुपये में परिवर्तित करता है.
इसीलिए रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत भी एलपीजी के मूल्य निर्धारण में बहुत अहम हो जाती है. इनके अलावा माल ढुलाई लागत, तेल कंपनी का मार्जिन, बॉटलिंग लागत, मार्केटिंग खर्च, डीलर कमीशन और जीएसटी भी कमर्शियल और घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत निर्धारित करने में अहम योगदान देते हैं. दूसरे अर्थों में कहें तो इन सब खर्चों को जोड़ने के बाद एक एलपीजी सिलेंडर की कीमत तय की जाती है.