All for Joomla All for Webmasters
धर्म

Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी आज, जानें मुहूर्त, तिथि, मंत्र, पूजा विधि और महत्व

आज देवशयनी एकादशी व्रत (Devshayani Ekadashi) है. इस दिन से चातुर्मास प्रारंभ हुआ है. देवशयनी एकादशी व्रत रखने से पाप मिटते हैं और मोक्ष मिलता है. जानते हैं देवशयनी एकादशी व्रत के मुहूर्त, तिथि, मंत्र, पूजा विधि आदि.

आज देवशयनी एकादशी व्रत (Devshayani Ekadashi) है. हर साल आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस व्रत के प्रभाव और श्रीहरि विष्णु के आशीर्वाद से सभी प्रकार की समस्याओं का अंत होता है और पाप नष्ट हो जाते हैं. देवशयनी एकादशी से चार माह के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, इन चार मा​ह को चातुर्मास (Chaturmas) कहा गया है. चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है. देवउठनी एकादशी यानी कार्तिक शुक्ल एकादशी को भगवान​ विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं, इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस एकादशी से मांगलिक कार्य  प्रारंभ होते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं देवशयनी एकादशी व्रत के मुहूर्त, तिथि, मंत्र, पूजा विधि आदि.

देवशयनी एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, 09 जुलाई को शाम 04:39 बजे से देवशयनी एकादशी की तिथि शुरु हो गई, जो आज दोपहर 02:13 बजे पर समाप्त होगी. उदयातिथि व्रत और त्योहार के लिए मान्य होती है, इसलिए देवशयनी एकादशी व्रत आज 10 जुलाई रविवार को है.

भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त
आज सुबह 05 बजकर 31 मिनट से देवशयनी एकादशी व्रत की पूजा का शुभ समय है क्योंकि इस समय से रवि योग बना हुआ है, जो कल सुबह 09:55 बजे तक है. रवि योग के अलावा शुभ योग भी सुबह से देर रात 12:45 बजे तक है.

आज का राहुकाल शाम को 05:38 बजे से लेकर शाम 07:22 बजे तक है, वहीं आज का शुभ समय 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक है.

विष्णु मंत्र
ओम नमो भगवते वासुदेवाय

ओम नमो नारायणाय

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

देवशयनी एकादशी व्रत और पूजा विधि
देवशयनी एकादशी व्रत रखने के लिए एक दिन पूर्व से सात्विक भोजन करते हैं. आज सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. उसके बाद हाथ में जल, अक्षत् और फूल लेकर देवशयनी एकादशी व्रत और पूजा का संकल्प करें.

अब पूजा के शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साथ वाली तस्वीर या मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें. फिर भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र, तुलसी के पत्ते, पंचामृत, अक्षत्, चंदन, फल आदि अर्पित करें. इस दौरान विष्णु मंत्र का जप करें. फिर माता लक्ष्मी की पूजा करें.

अब विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा और देवशयनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. उसके पश्चात घी के दीपक से विष्णु जी की आरती उतारें. पूजा के समापन के बाद फलाहार करें. रात्रि जागरण करें. अगले दिन पूजा पाठ के बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.

देवशयनी एकादशी व्रत 2022 पारण समय
11 जुलाई, प्रात: 05:31 बजे से सुबह 08:17 बजे के मध्य

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top