Interesting News. हरदा की ग्राम पंचायत कांकरिया और सागर की सिंगारचोरी में जनता ने पंचायत चुनाव में रोचक फैसला दिया. दोनों जगह पंच और सरपंच के चुनाव में फैसला टाई हो गया. इसलिए दोनों जगह तहसीलदार ने दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची डलवाई और फिर उसे बच्चों के हाथ से एक पर्ची निकलवायी. जिसके नाम की पर्ची निकली उसे विजयी घोषित कर दिया गया.
हरदा/सागर. चाहें चुनाव लोकसभा का हो या फिर पंच पद का. हर चुनाव में एक एक वोट का महत्त्व होता है. मध्य प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में आज दिलचस्प नतीजे आए. हरदा औऱ सागर में पंच और सरपंच का चुनाव प्रत्याशियों के बीच टाई हो गया. यानि दोनों को बराबर बराबर वोट मिले. ऐसे में फैसला मुश्किल था कि किसे निर्वाचित माना जाए. गांव वालों और उम्मीदवारों की सहमति से दोनों जगह बच्चों के हाथ से पर्ची निकलवाई गयी. बच्चों ने जिस प्रत्याशी के नाम की पर्ची निकाल दी प्रशासन ने उसे ही निर्वाचित घोषित कर दिया.
पहला वाकया आपको हरदा का बताते हैं. हरदा जिले में आज पंचायत चुनाव की मतगणना और परिणामों की घोषणा के समय रोचक मामला सामने आया. ग्राम पंचायत कांकरिया के वार्ड एक में पंच पद पर दो महिला प्रत्याशी श्यामबाई और गौराबाई आमने सामने थीं. 25 जून को हुए मतदान के बाद आज पंचायत चुनावो के परिणामों को घोषणा में उस वक्त अजब स्थिति बन गयी, जब पता चला कि दोनों महिला उम्मीदवारों को बराबर 8-8 मत मिले हैं.
बच्चे ने निकाली पर्ची
मोके पर मौजूद हरदा तहसीलदार धर्मेंद्र चौकसे ने जीत हार का निर्णय पर्ची के आधार पर करने का फैसला दोनों उमीदवारों की सहमति से लिया. दोनों महिलाओं के नाम अलग अलग पर्ची पर लिखकर उसे एक प्लास्टिक के डिब्बे में डाला गया. फिर एक साल के बच्चे से पर्ची निकलवाई गयी. बच्चे ने श्यामबाई के नाम की पर्ची निकाली. उसके बाद तहसीलदार ने श्यामबाई को पंच का चुनाव जीतने का प्रमाण पत्र दे दिया. जब श्यामबाई को निर्वाचित घोषित किया गया उस वक्त पराजित हुई गौराबाई ने भी हाथ उठाकर निर्णय का स्वागत किया.
सबने किया फैसले का स्वागत
तहसीलदार धर्मेंद्र चौकसे ने कहा पर्ची के आधार पर श्यामबाई को निर्वाचित घोषित किया गया. दोनों महिला उम्मीदवारों को बराबर वोट मिले थे. कांकरिया पंचायत के वार्ड एक में कुल 26 वोट गिरे थे. श्यामबाई और गौराबाई दोनों को 8-8 वोट मिले थे. बाकी 10 वोट अन्य प्रत्याशियों के खाते में गए. एक ही गांव की रहनेवाली दोनों महिला आपस में रिश्तेदार हैं लेकिन चुनाव में आमने सामने थीं. हार के बाद भी खुश गौराबाई ने कहा की उन्हें ख़ुशी है की उनकी भाभी श्यामबाई निर्वाचित हुईं .
सागर में भी यही फैसला
बिलकुल ऐसा ही फैसला सागर जिले के जैसीनगर ब्लॉक की सिंगारचोरी ग्राम पंचायत में जनता ने दिया. यहां सरपंच पद पर फैसला टाई हो गया. यहां भी तहसील कार्यालय में लॉटरी निकाल कर फैसला किया गया. सिंगारचोरी में सरपंच पद के लिए 6 प्रत्याशी मैदान में थे. वोटिंग के बाद मतगणना हुई, जिसमें मीनल-अजय जैन और बलवान सिंह राजपूत को बराबर 416-416 वोट मिले. यानि मुकाबला टाई हो गया. उसके बाद निर्वाचन आयोग से मिले निर्देश पर लॉटरी निकालकर फैसला किया गया. तहसीलदार निर्मल राठौर ने दोनों प्रत्याशियों की मौजूदगी में एक बच्ची से पर्ची निकलवा कर फैसला किया. बलवान सिंह राजपूत के नाम की पर्ची निकली और उन्हें विजयी घोषित किया गया.