भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने MCLR में वृद्धि का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अप्रैल के बाद से ही एसबीआई एमसीएलआर में बढ़ोतरी कर रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में इस अवधि में दो बार इजाफा करने के बाद बैंक ने भी ब्याज दरें बढ़ाई हैं.
हाइलाइट्स
बैंकों के लोन के लिए MCLR बेंचमार्क होता है.
RBI द्वारा रेपो रेट में वृद्धि करने के बाद एमसीएलआर में सभी बैंक इजाफा कर रहे हैं.
एमसीएलआर में बढोतरी से लोन की ईएमआई बढ जाएगी.
नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से अब लोन लेना महंगा हो जाएगा और नए और पुराने ग्राहकों की ईएमआई भी बढ़ जाएगी. ऐसा होगा एसबीआई द्वारा अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेडिंग रेट (SBI MCLR Hike) में बढ़ोतरी करने से. बैंक ने एमसीएलआर में वृद्धि करने की घोषणा कर दी है और नई दरें शुक्रवार, 15 जुलाई से लागू हो जाएंगी. जून में भी एसबीआई ने एमसीएलआर में इजाफा किया था.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद से देश के सभी बैंकों ने होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. RBI ने इस साल मई में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाया था. फिर, उसने जून में रेपो रेट में जून में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया था. दो बार वृद्धि के बाद रेपो रेट 0.90 फीसदी बढ़ गया है और अब यह 4.90 फीसदी पर पहुंच गया है.
ये होंगी नई दरें
मनीकंट्रोलकी एक रिपोर्ट के अनुसार, एसबीआई ने MCLR में वृद्धि का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि एक साल के लोन के लिए एमसीएलआर 7.40 से बढ़कर 7.50 फीसदी हो गया है. छह महीने के लोन के लिए एमसीएलआर 7.35 से बढ़कर 7.45 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, दो साल और तीन साल के लिए एमसीएलआर 7.70 फीसदी से बढ़कर 7.80 प्रतिशत कर दिया गया है. इस साल अप्रैल से SBI अपने एमसीएलआर को बढ़ा रहा है. जून में उसने एमसीएलआर में 20 बेसिस प्वॉइंट्स की बढ़ोतरी की थी.
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अन्य बैंकों ने भी बढ़ाया है एमसीएलआर
हाल के दिनों में कई बैंक एमसीएलआर में बढ़ोतरी कर चुके हैं. एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने भी एमसीएलआर रेट्स बढ़ाए हैं. एचडीएफसी ने सभी अवधि के लोन के लिए एमसीएलआर में वृद्धि की है. आईसीआईसीआई बैंक ने सभी अवधि के लोन के लिए एमसीएलआर में 20 बेसिस प्वॉइंट्स का इजाफा किया है.
क्या होता है MCLR?
बैंकों के लोन के लिए MCLR बेंचमार्क होता है. इसमें वृद्धि होने पर लोन की ब्याज दर बढ़ जाती है. इसमें कमी होने पर लोन लोन की दर घट जाती है. रिजर्व बैंक ने नियंत्रित करने के लिए मई और जून में रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी. उसके बाद से सभी बैंकों ने भी अपना एमसीएलआर बढ़ा दिया है.