Pakistan Imran Khan: इमरान खान को अप्रैल महीने में विपक्षी पार्टियों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि, उन्होंने इसे अस्वीकार करते हुए उनकी सरकार की बेदखली में अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगाया था.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के संबंध में सरकार ने एक समिति का गठन किया है. जियो न्यूज की खबर के अनुसार पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक समिति के गठन को मंजूरी दी जो इस बात पर विचार करेगी कि क्या पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए या नहीं?
इमरान खान को अप्रैल महीने में विपक्षी पार्टियों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि, उन्होंने इसे अस्वीकार करते हुए उनकी सरकार की बेदखली में अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगाया था. इमरान खान (69) अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ किए जाने वाले पाकिस्तान के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं. बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ ने उनकी जगह ली है.
इमरान खान, अन्य के खिलाफ राजद्रोह की याचिका खारिज
इससे पहले, पाकिस्तान की एक अदालत ने बीते 11 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और विभिन्न मंत्रियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने याचिकाकर्ता मौलवी इकबाल हैदर पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
इमरान खान के समर्थक और सेना के आलोचक पत्रकार गिरफ्तार
दूसरी ओर, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और सेना के मुखर आलोचक माने जाने वाले एक प्रमुख टीवी पत्रकार को 7 जुलाई को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही एक स्थानीय अदालत ने उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. पंजाब की अटक जिला पुलिस ने हिंसा भड़काने और नफरत फैलाने के आरोप में पिछले महीने दर्ज एक मामले में 5 जुलाई की रात इस्लामाबाद के पास से इमरान रियाज खान को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें 6 जुलाई को अटक शहर की अदालत में पेश किया गया.
स्थानीय अदालत से बड़ी राहत मिलने के बाद खान को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. पत्रकार अपदस्थ प्रधानमंत्री खान के समर्थक हैं, और अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से खान को हटाने के बाद से शक्तिशाली सेना की आलोचना करते रहे हैं.