CNG Stations: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को 14 राज्यों के लिए 166 सीएनजी स्टेशनों की शुरुआत की. देश में ये सीएनजी स्टेशन 41 जगहों पर गेल इंडिया लिमिटेड की नौ सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों द्वारा स्थापित किए गए हैं. अब आपको अपनी सीएनजी गाड़ी में रिफिलिंग के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी.
“केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ” साल 2014 में देश में केवल 900 सीएनजी स्टेशन थे. आज हमारे पास 4500 सीएनजी स्टेशन हैं और अगले 2 वर्षों में इस संख्या को 8000 तक ले जाने की योजना है.
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पुरी ने कहा-सीएनजी वाहनों की बढ़ेगी संख्या
उन्होंने कहा कि पीएनजी कनेक्शन की संख्या भी 2014 में लगभग 24 लाख की तुलना में 95 लाख को पार कर गई है, मंत्री ने सीएनजी स्टेशन नेटवर्क के विस्तार के लिए गेल और सभी भाग लेने वाली सीजीडी संस्थाओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किए गए ये सीएनजी स्टेशन देश में ईंधन गैस आधारित बुनियादी ढांचे और गैस की उपलब्धता को और मजबूत करेंगे.
पुरी ने जोर देकर कहा कि इस तरह के पैमाने पर सीएनजी के रोलआउट से सीएनजी वाहनों के लिए बाजार को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है. सरकार ने कहा कि विनिर्माण, कौशल विकास और रोजगार सृजन के मामले में इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा. ये सीएनजी स्टेशन लगभग 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेंगे.
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और श्रम और रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने कहा “सरकार देश भर में पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के अधिक से अधिक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय कर रही है.उन्होंने मोटर वाहन क्षेत्र में स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकी को अपनाने के माध्यम से वाहनों के उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
सीएनजी अधिक सुरक्षित और किफायती है
उन्होंने सीएनजी और एलएनजी वाहनों की बढ़ी हुई कवरेज की आवश्यकता और ऑटोमोटिव कंपनियों से अखिल भारतीय आधार पर सीएनजी या एलएनजी वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. अधिकांश पारंपरिक ईंधनों की तुलना में प्राकृतिक गैस भी सुरक्षित और अधिक किफायती है.
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने के लिए प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विकास से 2070 तक भारत के शुद्ध शून्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.