2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले विधानसभा के चुनावों में भाजपा ने दक्षिण भारत फतह करने के लिए एक नया प्लान बनाया है। कहने को तो इस प्लान में भाजपा के कई कद्दावर नेता शामिल हैं। लेकिन दक्षिण जीतने की पूरी जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने फिलहाल शुरुआती चरण में कुछ बड़े नेताओं को सौंपी है। योजना के मुताबिक संसद के मानसून सत्र के खत्म होने के बाद शाह और नड्डा की जोड़ी दक्षिण भारत के कुछ बड़े राज्यों की राजधानी को अपना ठिकाना बनाने वाली है। बाकायदा इसके लिए भाजपा ने अपने कुछ शुरुआती चुनिंदा नेताओं की सूची तैयार कर उन्हें दक्षिण फतह करने के काम पर लगा दिया गया है।
हैदराबाद में ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दक्षिण भारत को जीतने के लिए जो प्लान तैयार किया गया था, उसे अब अमल में लाया जाना शुरू कर दिया गया है। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी के नेताओं का एक बड़ा तबका दक्षिण में जा कर अपनी पैठ बनाना शुरू भी कर चुका है। लेकिन उससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके दूसरे संगठन दक्षिण भारत में मजबूती से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु में भगवा फहराने के लिए ग्राउंड लेवल पर लगातार काम कर रहे हैं। इसके लिए बकायदा संघ के प्रचारक रहे और बाद में संगठन में अहम पद पर आकर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों में भाजपा को मजबूत करने वाले शिव प्रकाश पर पार्टी ने बड़ा दांव लगाया है।
चुपचाप लगे रहते हैं चुनावों में
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भाजपा के पास ऐसे कई कद्दावर नाम हैं जो चर्चा में तो नहीं रहते हैं, लेकिन उनका ज़मीनी काम और लोगों से नेटवर्क इतना मजबूत रहता है कि जब तक कोई बड़े चुनाव आते हैं तब तक ये बगैर चर्चा में रहने वाले नाम चुनाव की जीत की आधारशिला तैयार कर चुके होते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक दक्षिण भारत में भी भाजपा ने ऐसे ही अपने कई मजबूत नेटवर्क वाले जमीनी नेताओं को दक्षिण भारत की ओर रवाना कर दिया है। पार्टी से जुड़े एक कद्दावर नेता कहते हैं कि संगठन के मजबूत स्तंभ में से एक शिव प्रकाश को दक्षिण भारत में भगवा लहराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल शिव प्रकाश ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अपना राजनैतिक ठिकाना बना लिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस लोकसभा चुनाव में उन्हें दक्षिण भारत में मजबूती से किला फतह कर दिल्ली वापस आना है और यही वजह है कि पार्टी के ऊपर से लेकर नीचे तक सभी वरिष्ठ पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक अपना पूरा फोकस दक्षिण भारत पर केंद्रित कर चुके हैं। भाजपा ने तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के पार्टी प्रदेश अध्यक्षों को मजबूती के साथ संगठन को आगे बढ़ाने का पूरा रोड मैप तैयार करके दे दिया है। तमिलनाडु भाजपा के 38 वर्षीय प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई कहते हैं कि मोदी-शाह और नड्डा के नेतृत्व में भाजपा दक्षिण भारत के राज्यों में न सिर्फ लोकसभा के चुनावों में विजयी पताका फहराएगी, बल्कि दक्षिण के राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनावों में भी आने वाले परिणाम आपको बता देंगे कि 2024 का चुनाव कैसा रहने वाला है।
25 सीटें जीतने का दावा
अन्नामलाई दावा करते हैं कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में 25 लोकसभा सीटें उनकी पार्टी यहां से जीतेगी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि उनकी पार्टी ने के. अन्नामलाई जैसे युवा और प्रतिभाशाली पूर्व आईपीएस अधिकारी को अगर राज्य इकाई की कमान सौंपी है तो कुछ सोच समझ कर ही ऐसा फैसला लिया गया होगा। सूत्रों का कहना है कि भाजपा दक्षिण भारत में युवाओं के बड़े चेहरों के साथ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में विजय पताका फहराने की तैयारी में लगी हुई है।
भाजपा से जुड़े नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी शुरुआती दौर से जिन राज्यों में अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती रही है, वहीं से 2024 के लोकसभा चुनावों में वह अपना गैप पूरा करने वाले हैं। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि 2019 में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें हासिल की, उसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा और विधानसभा के चुनावों में आए परिणाम इस बात की तस्दीक करते हैं कि उनकी पार्टी कितनी मजबूती से पश्चिम बंगाल में उभरी है। वह कहते हैं इसी तरीके से उड़ीसा में भी 21 में से 8 सीटें भाजपा ने जीतीं। जबकि तेलंगाना में चार सीटें जीतकर दक्षिण ने दक्षिण में मजबूती से कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए।
बस मानसून सत्र के खत्म होने का इंतजार
भाजपा के रणनीतिकारों की टीम में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि दक्षिण भारत में उठाए जाने वाले हर भाजपा के राजनीतिक कदम को लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा होती है। उसके बाद में ही सभी फैसले लिए जाते हैं और टीम को काम पर लगाया जाता है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने तय किया है कि संसद के मानसून सत्र के बाद भाजपा का एक बड़ा दल दक्षिण भारत में डेरा जमा देगा। नेताओं का यह पूरा दल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के बाद तक केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में डेरा जमाए रहेगा।