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GST Row: वित्त मंत्री ने किया बड़ा ऐलान, आटा, दाल-चावल समेत इन 14 चीजों पर नहीं लगेगा कोई जीएसटी!

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GST Rate Hike: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक लिस्ट शेयर करते हुए बताया है कि लिस्ट में मौजूद सभी 14 चीजों को यदि खुला (Loose) बेचा जाएगा, अर्थात बिना पैकिंग के बेचा जाएगा तो उन पर जीएसटी की कोई भी दर लागू नहीं होगी. इसमें  दाल, गेहूं, बाजरा, चावल, सूजी और दही/लस्सी जैसी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं.

FM Nirmala Sitharaman: जीएसटी बैठक के बाद वित्त मंत्री ने जानकारी दी थी कि 18 जुलाई से कई चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. 18 जुलाई से तय की गई वस्तुओं के दाम में बदलाव भी हो गया है. लेकिन इस बीच आटा,चावल, डाल जैसी चीजों पर जीएसटी को लेकर लोगों में हुए कंफ्यूजन को दूर करते हुए वित्त मंत्री ने बड़ी जानकारी दी है.

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वित्त मंत्री ने दी जानकारी 

दरसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक लिस्ट शेयर करते हुए बताया है कि लिस्ट में मौजूद सभी 14 चीजों को यदि खुला (Loose) बेचा जाएगा, अर्थात बिना पैकिंग के बेचा जाएगा तो उन पर जीएसटी की कोई भी दर लागू नहीं होगी. इसमें  दाल, गेहूं, बाजरा, चावल, सूजी और दही/लस्सी जैसी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं.

पैकेज्ड फूड पर लगेगा जीएसटी 

गौरतलब है कि जीएसटी बैठक में अनाज, चावल, आटा और दही जैसी चीजों पर 5 फीसदी GST की बात कही गई थी, लेकिन ये पैकेज्ड फूड पर था. सरकार के फैसले का बचाव करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह जीएसटी केवल उन्हीं उत्पादों पर लागू है जो प्री-पैक्ड और लेबल्ड हैं. बता दें कि पिछले महीने जीएसटी परिषद की 47वीं चंडीगढ़ में हुई थी, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए थे.

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GST के फैसले पर पुनर्विचार करने की सिफारिश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्वीट्स की एक सीरीज पोस्ट करते हुए ने कहा, ‘हाल ही में, जीएसटी परिषद ने अपनी 47 वीं बैठक में दाल, अनाज, आटा जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की है. हालांकि काफी गलतफहमियां फैली है. यहां तथ्यों को सामने लाने की कोशिश है.’

यह पहली बार नहीं: वित्त मंत्री 

वित्त मंत्री ने आगे लिखा, क्या यह पहली बार है जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य सरकारें GST से पहले की व्यवस्था में खाद्यान्न से काफी राजस्व एकत्र कर रहे थे. अकेले पंजाब ने पर्चेज टैक्स के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह किया. यूपी ने ₹700 करोड़ जुटाए.’

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