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Swine Flu: अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से लखनऊ में 104 सूअरों की मौत, प्रशासन ने उठाया ये बड़ा कदम

Pork Banned: लखनऊ के डीएम ने फिलहाल एहतियातन सूअर के मांस और इनसे संबंधित अन्य उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि शहर में 100 से अधिक सूअरों की मौत हुई थी, इसके बाद उनका सैंपल भोपाल भेजा गया. वहां से आई रिपोर्ट में इन सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है.

Swine Flu in Lucknow: कोरोना के साये के बीच अब स्वाइन फ्लू ने उत्तर प्रदेश सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. यहां सूअरों में अफ्रीकी स्वाइन फीवर फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर राज्य सरकार तक सब परेशान हैं. फिलहाल शहर में एहतियातन इनके मांस और इनसे संबंधित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डीएम सूर्यपाल गंगवार ने भोपाल के आनंद नगर स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान द्वारा अफ्रीकी स्वाइन फीवर के कारण 104 सूअर की मौत की पुष्टि के बाद प्रतिबंध लगाया है.

डीएम ने अलग-अलग विभागों को दिए निर्देश

डीएम ने लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) और पशुपालन विभाग को सूअरों में इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने अफसरों को इससे प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई, कीटाणुशोधन और सैनिटाइजेशन कराने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा डीएम ने लखनऊ नगर निगम को जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए कहा है, ताकि अफ्रीकी स्वाइन फीवर के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें. अधिकारियों को सूअरों का इलाज सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही किसानों को सूअरों को बाड़ों में रखने की सलाह दी गई है. वहीं दूसरी ओर पशुपालन विभाग और लखनऊ नगर निगम की टीमें सूअर मालिकों के संपर्क में रहेंगी और उन क्षेत्रों को कीटाणुरहित और साफ करने में मदद करेंगी, जहां सूअर रखे जाते हैं.

क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू अधिक संक्रामक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है. इसकी चपेट में आने वाले सूअर तेज रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं. यह फ्लू पहली बार 1920 में अफ्रीका में मिला था. इसमें मृत्यु दर लगभग शत प्रतिशत होती है. चिंता की बात ये है कि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है. ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जानवरों को मारना ही एक विकल्प बचता है. अगर गलती से इस संक्रमण की चपेट में आए सूअऱों का मंस खा ले तो वह भी इसकी चपेट में आ जाता है.

क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू

अफ्रीकन स्वाइन फ्लू अधिक संक्रामक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है. इसकी चपेट में आने वाले सूअर तेज रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं. यह फ्लू पहली बार 1920 में अफ्रीका में मिला था. इसमें मृत्यु दर लगभग शत प्रतिशत होती है. चिंता की बात ये है कि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है. ऐसे में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जानवरों को मारना ही एक विकल्प बचता है. अगर गलती से इस संक्रमण की चपेट में आए सूअऱों का मंस खा ले तो वह भी इसकी चपेट में आ जाता है.

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