कभी देश की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी एयरलाइन रही जेट एयरवेज एक बार फिर उड़ान भरने को तैयार है. कंपनी ने एक ट्वीट के जरिये अपना प्लान साझा किया है, जिसमें बताया है कि पायलटों की भर्ती शुरू हो चुकी है. सभी फाइनेंशियल प्रॉब्लम सॉल्व कर लिए गए हैं और जल्द कंपनी के विमान आसमान में होंगे.
नई दिल्ली. देश में कभी दूसरे नंबर की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी रही जेट एयरवेज (Jet Airways) तीन साल से ज्यादा समय के अंतराल के बाद अब फिर से उड़ान भरने को तैयार है. कंपनी को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से सभी जरूरी मंजूरियां मिल चुकी हैं.
जेट एयरवेज ने ट्वीट कर बताया कि कंपनी के मैनेजमेंट ने सभी फाइनेंशियल प्रॉब्लम को सॉल्व कर लिया है और अब पायलओं की भर्ती शुरू कर दी है. कंपनी के पास एयरबस ए320 एयरक्राफ्ट और बोइंग 737एनजी व 737 मैक्स विमान हैं, जिन्हें उड़ाने के लिए पायलटों की तलाश है. कंपनी पर कर्ज न चुकाने के बाद दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी और 17 अप्रैल, 2019 से इसकी उड़ानों पर विराम लगा है.
जेट एयरवेज ने एक ट्वीट में लिखा- ऐसे पायलटों का स्वागत है जिन्हें एयरबस ए320, बोइंग 737एनजी और बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने का अनुभव है. ऐसे पायलट अगर चाहें तो हमारे साथ जुड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं और भारतीय विमानन इतिहास में एक कंपनी के दोबारा अपना परिचालन शुरू करने में भागीदार बन सकते हैं. इंतजार का फल मीठा होता है और यह एयरलाइन एक बार फिर उड़ान भरने को तैयार है.
शुरुआत घरेलू रूट से होगी
जेट एयरवेज को मई में ही डीजीसीए से सभी जरूरी मंजूरियां मिल गईं थी. अनुमान है कि सितंबर तक कंपनी के विमान आसमान में होंगे. इससे पहले कंपनी के सूत्रों ने बताया था कि नई पारी की शुरुआत घरेलू रूट से की जाएगी. हालांकि, उसे विमानन क्षेत्र की नई कंपनी आकासा एयर से तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी. आकासा के विमान अगस्त से ही उड़ान भरने शुरू हो जाएंगे. जेट एयरवेज अभी विमानों का बेड़ा तैयार करने के लिए यूरोपियन कंपनी एयरबस और अमेरिकी कंपनी बोइंग से डील कर रही है.
एसबीआई ने शुरू की थी दिवालिया कार्यवाही
एसबीआई ने अन्य बैंक समूहों के साथ मिलकर जून, 2019 में कंपनी के खिलाफ 8,000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दिवालिया प्रक्रिया शुरू की थी. हालांकि, अक्तूबर 2020 में कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने एक समाधान योजना पेश की जिसमें जेट एयरवेज को दोबारा खड़ा करने का प्लान था. इसके बाद यूके की कालरॉक कैपिटल और यूएई के बिजनेसमैन मुरारी लाल जालान ने कंपनी को बोली लगाकर खरीद लिया.