RBI Repo rate: भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह होने वाली अपनी MPC बैठक में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी का इजाफा कर सकता है. इसके पहले की दो बैठकों में केंद्रीय बैंक कुल 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है.
RBI Repo rate: भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह होने वाली अपनी MPC बैठक में एक बार फिर से प्रमुख ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. एक अमेरिकी ब्रोकरेज ने कहा कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.35 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है. बोफा सिक्योरिटीज (Bofa Securities) ने 3 अगस्त से 5 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) के प्रस्ताव से पहले एक रिपोर्ट में कहा कि RBI इस बार नीतिगत रुख में बदलाव करते हुए इसे “calibrated tightening” कर ब्याज दरों में इजाफा करेगा. पिछले दो पॉलिसी बैठक में RBI ने महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में कुल 0.90 फीसदी का इजाफा कर दिया है.
ये भी पढ़ें– Income Tax Return: अगर ITR में कर दी यह गलती, तो सीधा पहुंच जाएंगे जेल; हर किसी को नहीं होती जानकारी
अप्रैल के बाद से नीतिगत कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए, जब आरबीआई ने स्थायी जमा सुविधा शुरू की, ब्रोकरेज ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने प्रभावी रूप से 1.30 प्रतिशत की दरों में बढ़ोतरी की है.
कितना बढ़ेगा रेपो रेट
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हम देख रहे हैं कि RBI अपनी मौद्रिक समीति की बैठक में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की वृद्धि करने जा रही है, जिससे यह बढ़कर 5.25 फीसदी हो जाएगी, जो कि कोरोना महामारी के पहले के स्तर से अधिक है. ब्रोकरेज ने कहा कि केंद्रीय बैंक अपने नीतिगत रुख में भी बदलाव करते हुए इसे कैलिब्रेटेड टाइटनिंग कर सकता है.
जीडीपी को लेकर अनुमान
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि RBI MPC अपने FY23 उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (CPI) और वास्तविक जीडीपी विकास पूर्वानुमान (real GDP growth forecasts) को क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखेगी.
ये भी पढ़ें– BSNL के लिए सरकार का बड़ा ऐलान, मर्ज होने जा रही है कंपनी, PM मोदी ने दी मंजूरी
पिछले हफ्ते, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि हेडलाइन मुद्रास्फीति, जो अप्रैल के लिए 7.04 प्रतिशत पर आई थी, अब चरम पर है.
ब्याज दरों में यह भी संभव
ब्रोकरेज ने कहा कि अगर मौद्रिक समीति (RBI MPC Meet) अधिक अक्रामक रुख अपनाती है, तो ब्याज दरों में 0.50 फीसदी तक का इजाफा भी हो सकता है, जैसा कि उसने जून की बैठक में किया था. दूसरी और ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.