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RBI Policy Rate : आज मौद्रिक नीति की घोषणा, लगातार तीसरी बार रेपो रेट बढ़ा सकता है रिजर्व बैंक

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RBI Repo Rate: समिति अपनी द्विमासिक समीक्षा के दौरान नीतिगत दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए ऐसा किया जा सकता है. इसके पहले आरबीआई मई और जून में कुल मिलाकर 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है

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नई दिल्ली: RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक आज 5 अगस्त, शुक्रवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा. बुधवार को केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई थी. माना जा रहा है कि समिति अपनी द्विमासिक समीक्षा के दौरान नीतिगत दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए ऐसा किया जा सकता है. इसके पहले आरबीआई मई और जून में कुल मिलाकर 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. 

उच्च मुद्रास्फीति के चलते केंद्रीय बैंक ने पहले ही अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा कर दी है. जिसके तहत मई-जून में बेंचमार्क रेट में बढ़ोतरी की गई. अब आज भी नीतिगत दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. इस तरह पिछले तीन महीनों में रेपो दर या लघु अवधि की उधारी दर में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी हो सकती है.

मौजूदा रेपो रेट 4.90% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% है. बता दें कि रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है.

इतना तय है कि केंद्रीय बैंक पॉलिसी इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करेगी, लेकिन कितना करेगी, इस पर भी कई मत देखे जा रहे हैं. कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी तो होगी ही. कुछ का मानना है कि यह 25 से 50 बेसिस पॉइंट तक जा सकता है. 

विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह नीतिगत दर को कम से कम महामारी से पहले के स्तर पर ला देगा. साथ ही इसे आगे और बढ़ाया जा सकता है. महामारी के चलते आए आर्थिक संकट से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ने 2020 में रेपो दर में तेजी से कमी की थी.

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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी आज इसकी घोषणा करेगी. गवर्नर दास सुबह 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा करेंगे.

केंद्रीय बैंक और सरकार, दोनों ही मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहे हैं, जो इस साल जनवरी से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. आरबीआई ने मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें दो प्रतिशत तक घट-बढ़ हो सकती है.

आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए चालू वित्त वर्ष में अब तक रेपो दर को दो बार बढ़ाया है- मई में 0.40 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत. हालांकि, 4.9 प्रतिशत की मौजूदा रेपो दर अब भी कोविड-पूर्व के स्तर 5.15 प्रतिशत से नीचे है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि ‘‘हमने यह सुनिश्चित किया है कि रिजर्व बैंक और सरकार साथ मिलकर इस बात के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं कि मुद्रास्फीति को सात प्रतिशत तक या आदर्श रूप से छह से नीचे रखा जाए.”

पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक स्वरूप कुमार साहा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक इस सप्ताह रेपो दर में 0.35 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी करेगा.

श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उमेश रेवणकर ने कहा कि एमपीसी नीतिगत दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. उन्होंने कहा कि पिछली नीति के बाद से घरेलू व्यापक आर्थिक परिदृश्य में बहुत बदलाव नहीं हुआ है.

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