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Charge on UPI Payment: यूपीआई से पेमेंट करने पर चार्ज लगेगा या नहीं? मोदी सरकार ने बताई अपनी योजना

UPI Transactions Levy Charges: एक समीक्षा पेपर के सामने आने के बाद लगातार इस पर चर्चा हो रही थी कि सरकार यूपीआई ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर आम लोग काफी परेशान थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे लेकर स्थिति साफ कर दी है और केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से यूपीआई से भुगतान पर शुल्क (Charges on UPI Payment) लगाने की कोई योजना नहीं है.

इस वजह से सरकार नहीं लगाना चाहती कोई चार्ज

केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने साफ कर दिया है कि जो भी यूपीआई (UPI) की सेवा प्रदान कर रहा है, उसे किसी और तरीके से अपनी लागत निकालने पर विचार करना होगा. वित्त मंत्रालय ने कहा कि यूपीआई के माध्यम से भुगतान लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है और डिजिटल पेमेंट से इकोनॉमी को फायदा है. इसलिए सरकार ऐसी कोई तैयारी नहीं कर रही है.

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RBI के समीक्षा पेपर से छिड़ी बहस

बता दें कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक समीक्षा पेपर जारी किया था, जिसमें कहा गया कि क्या ऑनलाइन पेमेंट पर स्पेशल चार्ज मर्चेंट डिस्काउंट रेट (Merchant Discount Rate) लगाया जाए? इसे कैसे लागू किया जाए? आरबीआई की तरफ से सुझाव मांगा गया कि हर ऑनलाइन पेमेंट पर एक ही तरह का चार्ज वसूला जाए या फिर जितने पैसे ट्रांसफर किए गए हों, उसके हिसाब से शुल्क लिया जाए? डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन को लेकर भी ऐसी ही बात कही गई. आरबीआई के समीक्षा पेपर से माना गया कि ऑनलाइन भुगतान पर चार्ज लगाने की तैयारी बड़े पैमाने पर और गंभीरता से चल रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने अब स्थित साफ कर दी है और ऐसी किसी योजना व तैयारी से इनकार कर दिया है.

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यूपीआई सेवा प्रदाता अन्य माध्यमों से करे कमाई: सरकार

यूपीआई पेमेंट पर शुल्क लगाने को लेकर हो रही चर्चा पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने ट्वीट कर सफाई दी है. मंत्रालय ने कहा, ‘यूपीआई एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु है, जिसमें जनता के लिए अत्यधिक सुविधा और अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता लाभ है. यूपीआई सेवाओं के लिए कोई शुल्क लगाने का सरकार में कोई विचार नहीं है. लागत वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताओं को अन्य माध्यमों से पूरा किया जाना है.’

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मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार ने पिछले साल डिजिटल इको सिस्टम तंत्र के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी और इस वर्ष भी डिजिटल को अपनाने और भुगतान प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की घोषणा की है जो किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल हैं.’

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