दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93 ए स्थित सुपरटेक की ट्विन टावरों को रविवार 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से आश्वस्त किया है कि इन बिल्डिगों के घर खरीददारों को उनका पूरा पैसा वापस मिलेगा.
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नई दिल्ली : नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को गिराने की उलटी गिनती जारी है. रविवार 28 अगस्त को महज 9 से 12 सेकेंड के समय में इन दोनों बिल्डिगों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. इस बीच प्रश्न यह है कि जिन लोगों ने इन टावरों में फ्लैट खरीदे थे, उनका क्या होगा. उनके लिए भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार की सुनवाई में व्यवस्था कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ढहाई जा रही ट्विन टावर के घर खरीददारों को उनकी पूरी धनराशि वापस की जाएगी.
अदालत ने नोएडा के सेक्टर 93ए के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में स्थित इन ‘ट्विन-टॉवर’ को गिराने का आदेश दिया था और उसी आदेश का पालन रविवार को किया जाना है. शीर्ष अदालत ने दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही फर्म के अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये जमा करने को भी कहा
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न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि ‘ट्विन-टॉवर’ के घर खरीदारों को उनके द्वारा जमा किया गया पूरा धन वापस मिलेगा. हालांकि, फिलहाल उन्हें एक करोड़ रुपये में से भुगतान किया जाएगा, जिसे 30 सितंबर तक आईआरपी द्वारा जमा किया जाएगा.
न्यायालय के पिछले साल के आदेश के अनुसार घर खरीदारों को उनका पैसा वापस किया जाना है. इस आदेश के तहत धनवापस करने की मांग करने वाली कई अवमानना याचिकाओं पर इस समय सुनवाई चल रही है. पीठ ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि ट्विन-टॉवरों के घर खरीदारों को अदालत के 31 अगस्त 2021 के आदेश के अनुसार उनका पूरा धन वापस मिले.
पीठ ने कहा, ‘इस बीच, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस अदालत के फैसले के तहत घर खरीदारों को उनकी बकाया राशि का कुछ रिफंड मिले, हम आईआरपी को इस अदालत की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक एक करोड़ रुपये की राशि जमा करने का निर्देश देते हैं.’
न्यायालय ने कहा कि न्याय मित्र गौरव अग्रवाल अक्टूबर के पहले सप्ताह में आईआरपी के साथ बैठेंगे और संयुक्त रूप से घर खरीदारों की बकाया राशि पर काम करेंगे. अग्रवाल सुनवाई की अगली तारीख से पहले इस संबंध में पूरा विवरण जमा करेंगे, ताकि कुछ राशि वापस लौटाई जा सके.