यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों में देखें तो रविवार दोपहर 2 बजे से रात के 10 बजे तक हवा में पीएम 10 और 2.5 की मात्रा काफी ज्यादा रही. इसके बाद रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यह धीरे-धीरे घटी है. जिन इलाकों की रिपोर्ट आई है उनमें सिर्फ रिहायशी ही नहीं बल्कि कॉमर्शियल, औद्योगिक, ग्रामीण और अन्य इलाके भी शामिल हैं.
नोएडा. अवैध रूप से बनी सुपरटेक की ट्विन टॉवरें ढहाई जा चुकी हैं लेकिन उनके ढहाए जाने के बाद इलाके में हवा की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा है. ट्विन टावरों से निकले 80 हजार टन मलबे और उससे उड़ी धूल के चलते नोएडा के रिहायशी, औद्यौगिक और ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण के प्रमुख तत्व पार्टिकुलेट मेटर 10 और पीएम 2.5 की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ी हुई देखी गई है. ट्विन टॉवरों के ध्वस्तीकरण के दौरान सक्रिय यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से लगाई गई एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशंस की रिपोर्ट में 27 अगस्त और 28 अगस्त की एयर क्वालिटी में आए अंतर को बताया गया है.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर प्रवीन कुमार ने न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताया कि ट्विन टावरों को ढहाए जाने के दौरान नोएडा अथॉरिटी और जिला प्रशासन के साथ मिलकर नोएडा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पूरे इंतजाम किए गए थे. 28 अगस्त को वहां 6 एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए थे जो मैनुअली काम कर रहे थे. इसके अलावा एंटी स्मॉग गन, ध्वस्तीकरण के तुरंत बाद साफ सफाई के लिए बड़ी मेनपॉवर, हॉर्टिकल्चर से लोग लगाए गए थे. एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन अभी भी निगरानी कर रहे हैं. इससे 24 घंटे के आंकड़े सामने आ गए हैं.
प्रवीन कुमार कहते हैं कि 27 अगस्त से लेकर 28 अगस्त की रात और 29 अगस्त की सुबह 6 बजे तक क्या स्थिति रही इसकी जानकारी आंकड़ों में दी गई है. रविवार को हवा की स्थिति काफी अच्छी थी ऐसे में थोड़ी ही देर में धूल गायब हो गई थी. इलाके में देखा जाए तो हवा में धूल नहीं दिखाई दे रही है लेकिन ट्विन टावरों के गिराए जाने के 24 घंटे बाद हवा कितनी प्रदूषित है ये मॉनिटरिंग स्टेशन की आगामी रिपोर्ट में पता चलेगा. हालांकि आंकड़ों में देखें तो रविवार दोपहर 2 बजे से रात के 10 बजे तक हवा में पीएम 10 और 2.5 की मात्रा काफी ज्यादा रही. इसके बाद रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यह धीरे-धीरे घटी है. जिन इलाकों की रिपोर्ट आई है उनमें सिर्फ रिहायशी ही नहीं बल्कि कॉमर्शियल, औद्योगिक, ग्रामीण और अन्य इलाके भी शामिल हैं.
27 अगस्त को ऐसी थी नोएडा में एयर क्वालिटी (24 घंटे औसतन)
इलाके पीएम10 पीएम2.5
पार्श्वनाथ प्रेस्टिज 64 17
सिटी पार्क 94 38
बारात घर 114 48
ओमेक्स फॉरेस्ट एसपीए 79 38
एसीई केपिटल सेक्टर-132 63 23
पार्क्स लॉरेट 89 50
28 सुबह 6 से 29 अगस्त सुबह 6 बजे तक, ऐसा हुआ हाल (24 घंटे औसतन )
इलाके पीएम10 पीएम2.5
पार्श्वनाथ प्रेस्टिज 338 141
सिटी पार्क 258 99
बारात घर 272 86
ओमेक्स फॉरेस्ट एसपीए 295 120
एसीई केपिटल सेक्टर-132 251 94
पार्क्स लॉरेट 105 58
सांस लेने दिक्कत, आंखों में हो रही जलन
यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो ट्विन टावरों के ढहने के बाद पीएम 10 यानि धूल के बड़े कणों की मात्रा हवा में तय मानकों से करीब साढ़े तीन से ढ़ाई गुना तक बढ़ी है. वहीं पीएम 2.5 की मात्रा भी तय मानकों से दोगुने से डेढ़ गुने तक बढ़ी है. ऐसे में सुपरटेक ट्विन टावरों के नजदीक की टॉवरों में आने वाले रेजिडेंट को आंखों में जलन, खांसी और खुजली आदि की दिक्कतें भी देखी गई हैं. इस बारे में नोएडा स्थित फेलिक्स अस्पताल के एमडी डॉ डी के गुप्ता ने न्यूज18हिंदी से बातचीत में बताया कि अस्पताल में एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी से सुबह ओपीडी में 5-6 मरीज आये हैं. इन्हें आंखों में जलन, त्वचा में खुजली और खांसी की समस्या हो रही है. इन सभी मरीजों को हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर देख रहे हैं. इसके अलावा कुछ लोगों ने अस्पताल के हेल्पलाइन नम्बर पर भी हमारे नेत्र रोग विशेषज्ञों से सलाह ली है.