अमेरिका और रूस के बीच अगर परमाणु युद्ध हुआ तो दुनियाभर में 5 अरब लोगों की भूख की वजह से मौत हो जाएगी. इसके बावजूद कुछ देश ऐसे हैं, जहां पर रहने वाले लोग जीवित रह सकते हैं. जानिए वह कौन से देश हैं.
रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine Crisis) के बीच 24 फरवरी को शुरू हुआ युद्ध 6 महीने बाद भी जारी है. प्रत्यक्ष रूप से भले ही यह युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच दिखता हो, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका (USA) और रूस आमने-सामने हैं. ऐसे में अक्सर अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध की अटकलें लगती रहती हैं. रूस और अमेरिका दोनों के पास बड़ी संख्या में परमाणु हथियार (Nuclear Bomb) हैं और अगर दोनों देशों में परमाणु युद्ध (Nuclear Attack) हुआ तो तबाही का ऐसा मंजर होगा कि आधी दुनिया उसे देखने के लिए जिंदा भी नहीं रहेगी. ऐसे में प्रश्न यह कि वह आधी दुनिया कौन सी होगी, जो ऐसे भयानक युद्ध के बाद भी जिंदा रहेगी? आप, हम और दुनियाभर के ज्यादातर लोग दुनिया के उस हिस्से में जाना चाहेगी, जिस पर ऐसे भयानक युद्ध का असर नहीं पडे़गा.
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया की बहुत बड़ी आबादी पर इसका असर पड़ेगा. लोग परमाणु रिएक्शन के अलावा भूख से भी मरने लगेंगे. रूस और अमेरिका दोनों उत्तरी गोलार्द्ध में हैं, इसलिए इस युद्ध का सबसे ज्यादा असर उत्तरी गोलार्द्ध पर ही पड़ेगा. हालांकि, अगर आप दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में रहेंगे तो आपके बचे रहने की उम्मीदें ज्यादा हैं. ऐसे में आप भी चाहेंगे कि पहले तो ऐसा भयानक युद्ध हो ही नहीं, अगर हो भी तो आप दक्षिणी गोलार्द्ध के ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, चिली, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसे देशों में हों.
नेचर फूड में छपी स्टडी और कंप्यूटर स्टिमुलेशन के अनुसार अगर रूस और अमेरिका में एक फुल स्केल युद्ध होता है और इसमें 100 परमाणु बमों का इस्तेमाल होता है तो दुनियाभर में 5 करोड़ लोग भूख से मर जाएंगे. इन परमाणु बमों से इतना धुआं उठेगा कि यह सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा और सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच जाएगी. इसके कारण फसलें बर्बाद हो जाएंगी.
अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित रुटगर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलन रोबोक ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना में लोगों के पास बचे रहने की ज्यादा संभावना है, क्योंकि इन देशों में पहले से ही ज्यादा रजिस्टेंट फसलों (जैसे – गेहूं) की भारी पैदावार हो रही है.