Vastu Dosh Nivaran ka Tarika: घर या काम करने की जगह पर वास्तु दोष हो तो तरक्की रुक जाती है. पैसों की तंगी, बीमारियां, कई तरह के दुख घेर लेते हैं. इससे बचने के लिए वास्तु दोष निवारण यंत्र का उपयोग करें.
Vastu Dosh dur karne ka Yantra: जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश को पांच तत्व कहा है. इनमें संतुलन होना जरूरी है. वास्तु विज्ञान का आधार इन पंच तत्वों का संतुलन ही है. जिस जगह पर इनमें असंतुलन पैदा हो जाए उसे वास्तु दोष कहा जाता है और वहां नकारात्मक ऊर्जा घर कर लेती है. वास्तु दोष के कारण जीवन में कई तरह की परेशानियां होती है, जैसे- पैसों की तंगी, मेहनत का फल न मिलना, बार-बार असफल होना, बीमार रहना, रिश्ते कलहपूर्ण रहना. ऐसी स्थिति से बचने के लिए वास्तु शास्त्र में कई नियम बताए गए हैं. साथ ही वास्तु दोष निवारण यंत्र के बारे में भी बताया गया है. यह यंत्र बहुत ताकतवर है, इसे रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में तेजी से सुख-समृद्धि आती है.
बिना तोड़-फोड़ के दूर होते हैं सारे वास्तु दोष
वास्तु यंत्र की खासियत यह है कि यह उस जगह के सारे वास्तु दोष दूर करता है और किसी तरह की तोड़-फोड़ या ज्यादा बदलाव भी नहीं करने पड़ते हैं. कुछ ही समय में उस जगह की नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदलने लगती है और इसका शुभ असर जीवन के हर पहलू पर दिखाई देने लगता है. अष्टधातु से बना यह चौकोर यंत्र खूब लाभ देता है और सुख, शांति, समृद्धि लाता है.
ऐसे रखें वास्तु दोष निवारण यंत्र
वैसे तो वास्तु दोष निवारण यंत्र को उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे घर बनाते समय जमीन की मिट्टी के अंदर गाड़ दें, इससे जमीन की नकारात्मक ऊर्जा भी बेअसर हो जाती है. लेकिन घर बन चुका हो या फ्लैट-अपार्टमेंट में रहते हों तो इसे रखने के लिए वास्तु शास्त्र में कुछ खास जगहें बताई हैं. इसके अनुसार वास्तु दोष निवारण यंत्र को रखने के लिए सबसे अच्छी जगह उत्तर पूर्ण दिशा होती है. यदि ऐसा संभव न हो तो दक्षिण-पूर्वी दीवार पर भी इसे लगा सकते हैं. साथ ही यंत्र के बगल में या उसके ऊपर दीवार पर दीपक रख दें. ताकि यंत्र के पास दिन-रात प्रकाश रहे.
वास्तु यंत्र के मामले में न करें ये गलती
वास्तु यंत्र को लेकर ये ध्यान रखें कि इसे कभी भी शीशे के सामने न रखें. साथ ही वास्तु यंत्र के आसपास जरा भी गंदगी न रहने दें.