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EWS Seats: निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस की सीटों पर दाखिले के लिए ड्रॉ आज, निदेशालय ने जारी किए दिशा-निर्देश

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ईडब्ल्यूएस की इन सीटों पर दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय 18 से 25 अगस्त तक चली आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ मंगलवार को निकाल रहा है। इस संबंध में निदेशालय ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

निजी स्कूलों में बीस फीसदी आर्थिक पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की सीटों पर दूसरी से नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ मंगलवार निकाला जाएगा। स्कूल आवंटित हो जाने के बाद अभिभावकों को जरूरी दस्तावेज के साथ 15 सितंबर तक स्कूल में रिपोर्ट करना होगा। यदि इस तय समय सीमा के अंदर अभिभावक बच्चे का दाखिला नहीं कराते हैं तो उनकी दावेदारी रद्द माना जाएगा। वहीं एक बार आवंटित स्कूल को बदला नहीं जाएगा। 

ईडब्ल्यूएस की इन सीटों पर दाखिले के लिए शिक्षा निदेशालय 18 से 25 अगस्त तक चली आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पहला कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ मंगलवार को निकाल रहा है। इस संबंध में निदेशालय ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि बच्चे को एक बार स्कूल आवंटित किए जाने के बाद इसे बदला नहीं जाएगा। जो छात्र चयनित होंगे उन्हें 24 घंटे के अंदर एसएमएस से जानकारी देनी होगी। स्कूलों को चयनित बच्चों की सूची स्कूल के मुख्य गेट पर भी लगानी होगी। दस्तावेज के सत्यापन के लिए अभिभावकों को भी मूल दस्तावेज साथ रखने होंगे।

आधार कार्ड नहीं होने पर स्कूल दाखिले से मना नहीं करेंगे।  गौर है कि दिल्ली निवासी जिनके माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख से कम हैं, उनके बच्चेे स्कूलों में दाखिले के योग्य हैं। वहीं अभिभावक दाखिले से जुड़ी शिकायतों का समाधान 8800355192, 9818154069 पर प्राप्त कर सकते हैं। 

स्कूल छोड़ चुके छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की तैयारी
 राजधानी में स्कूल छोड़ चुके या कभी स्कूल नहीं गए छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की तैयारी है। इनके लिए समग्र शिक्षा के तहत स्पेशल ट्रेेनिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय के समग्र शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है। सेंटरों की कक्षाएं सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, एमसीडी व एनडीएमसी और दिल्ली छावनी बोर्ड के स्कूलों में लगेंगी।

शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन कक्षाएं संचालित करेगी। ट्रेनिंग की अवधि कम से कम तीन महीने की होगी जिसे स्कूल प्रमुख की ओर से किए जाने वाले मूल्यांकन के आधार पर अधिकतम दो वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है।  शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि जो बच्चा पहले से ही स्कूल में पढ़ रहा है उसे स्कूल प्रमुख सेंटर में स्थानांतरित नहीं करेंगे। सेंटर केवल स्कूल से बाहर के बच्चों के लिए हैं, जिन्होंने कभी स्कूल में दाखिला नहीं लिया है या स्कूल छोड़ दिया है। निदेशालय ने कहा है कि सेंटर में अधिकतम तीस बच्चे होने चाहिए। तीसरे चरण में नए सेंटर भी खोले जाएंगे। 

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