cIndia-France Relation: भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके जानकारी दी है कि, भारत और फ्रांस ने 30 अगस्त को पेरिस में यूएनएससी और अन्य बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच जारी साझेदारी को विभिन्न मंचों पर मजबूती के साथ जारी रखने पर सहमति बनी. इसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल रहा.
नई दिल्ली: भारत और फ्रांस ने 30 अगस्त को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और अन्य बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने यूएनएससी के एजेंडे पर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार साझा किए. भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व यूएन में राजनीतिक मामलों के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने किया. इस दल में पेरिस में भारतीय दूतावास के अधिकारी भी शामिल रहे. वहीं फ्रांस की ओर डेलिगेशन के प्रमुख फैबियन पिनोने और अन्य सीनियर अफसर इसमें शामिल रहे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी.
दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई इस बैठक में भारत-फ्रांस सामरिक साझेदारी पर विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत हुई और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जुड़े विशेष मुद्दों पर विचार साझा किए गए. इस दौरान दोनों देशों के बीच जारी साझेदारी को विभिन्न मंचों पर मजबूती के साथ जारी रखने पर सहमति बनी. इसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल रहा.
भारत-फ्रांस के प्रतिनिधियों के बीच हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने अपनी प्राथमिकताएं रखीं. इसके अलावा सितंबर और दिसंबर 2022 में फ्रांस और भारत की यूए
नएससी की आगामी अध्यक्षता को लेकर चर्चा की. इसके अलावा सितंबर 2022 में होने वाले यूएन जनरल असेंबली के 77वें सत्र पर बातचीत हुई.
भारत-फ्रांस के प्रतिनिधियों के बीच हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने अपनी प्राथमिकताएं रखीं. इसके अलावा सितंबर और दिसंबर 2022 में फ्रांस और भारत की यूएनएससी की आगामी अध्यक्षता को लेकर चर्चा की. इसके अलावा सितंबर 2022 में होने वाले यूएन जनरल असेंबली के 77वें सत्र पर बातचीत हुई.
इससे पहले 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. पीएम मोदी ने ट्वीट करके बताया था कि दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग, परियोजनाओं और परमाणु ऊर्जा में सहयोग को लेकर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान वैश्विक खाद्य सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण चुनौतियों पर भी बात हुई.