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क्‍या बढ़ने वाली है कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र, पेंशन फंड पर दबाव घटाने के लिए EPFO ने क्‍या दिया सुझाव?

EPFO

कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने पेंशन फंड पर बढ़ते दबावों को देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का प्रस्‍ताव दिया है. ईपीएफओ का कहना है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने के बाद कर्मचारियों की ओर से इस मद में ज्‍यादा राशि जमा होगी और उन्‍हें बेहतर लाभ व ज्‍यादा कॉपर्स दिया जा सकेगा.

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नई दिल्‍ली. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ने देश के निजी और सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का सुझाव दिया है. पेंशन नियामक का कहना है कि देश में वरिष्‍ठ नागरिकों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए आने वाले समय में पेंशन फंड पर दबाव और बढ़ जाएगा.

द इकोनॉमिक टाइम्‍स के अनुसार, ईपीएफओ ने कहा है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से पेंशन सिस्‍टम पर भार कम होगा जबकि कर्मचारियों को और बेहतर रिटायरमेंट एडवांटेज दिए जा सकेंगे. संगठन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2047 तक भारत में 60 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों की संख्‍या 14 करोड़ से अधिक हो जाएगी. इससे पेंशन फंडों पर दबाव काफी बढ़ जाएगा. EPFO ने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बात अन्‍य देशों के नियमों का अध्‍ययन करने के बाद कही जा रही है.

पेंशन प्राधिकरण से जुडे़ एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि रिटायरमेंट की उम्र ज्‍यादा होने पर पेंशन फंड में कर्मचारी की ओर से ज्‍यादा राशि जमा होगी और उसे बेहतर लाभ दिया जा सकेगा. इससे महंगाई को मात देकर बड़ा रिटायरमेंट फंड बनाने में भी मदद मिलेगी. EPFO के पास अभी करीब 6 करोड़ सब्‍सक्राइबर हैं और वह कुल 12 लाख करोड़ रुपये के कॉर्पस का प्रबंधन करता है.

क्‍या होगा इसका नुकसान
लेबर इकनॉमिस्‍ट केआर श्‍याम सुंदर का कहना है क‍ि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से ज्‍यादा उम्र वाले कामगारों के परिवारों को नियमित आय अधिक दिनों तक मिल सकेगी. इससे उनके जीवन स्‍तर में सुधार होगा और रिटायरमेंट के बाद भी बड़ा कॉर्पस मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी. हालांकि, इसका दूसरा पक्ष नुकसानदायक भी है. रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के बाद युवाओं को नौकरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि 2031 तक भारत में 60 साल से अधिक उम्र वालों की संख्‍या 19.4 करोड़ पहुंच जाएगी, जो 2021 में 13.8 करोड़ ही थी. इस तरह, महज एक दशक के भीतर वरिष्‍ठ नागरिकों की संख्‍या में 41 फीसदी का बड़ा इजाफा होगा. 2011 की जनसंख्‍या के मुताबिक, 2021 तक वरिष्‍ठ नागरिकों की संख्‍या में 3.4 करोड़ की वृद्धि हुई.

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कितनी है अभी रिटायरमेंट की सीमा
भारत में रिटायरमेंट की अधिकतम उम्र अभी 58 साल से लेकर 65 साल तक है. यह वैरिएशन निजी क्षेत्र की कंपनियों से लेकर सरकारी क्षेत्र तक है. अगर यूरोपीय संघ की बात करें तो वहां रिटायरमेंट की औसत उम्र 65 साल है. यूरोप के डेनमार्क, इटली और ग्रीस में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है, जबकि अमेरिका में यह 66 साल निर्धारित है. ईपीएफओ ने इस साल जून में 18.36 लाख नए सब्‍सक्राइबर अपने साथ जोड़े थे, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 43 फीसदी ज्‍यादा है.

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