अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्होंने कभी LIC (Life Insurance Corporation) से कोई पॉलिसी ली थी, लेकिन वक्त पर प्रीमियम न भरने के चलते या फिर किसी दूसरे कारण से यह लैप्स हो गई तो आपके लिए अपनी पॉलिसी को रिवाइव कराने का मौका है. सरकारी बीमा कंपनी अपने ग्राहकों को ऐसी ही बंद हो चुकीं पॉलिसी को दोबारा चालू कराने की स्कीम- Lapsed Policy Revival Scheme for 2022 लेकर आया है. इसमें पॉलिसीहोल्डर्स अपने ULIP (Unit Linked Insurance Plan) को छोड़कर सभी लैप्स पॉलिसी को फिर से खुलवा सकेंगे. इसके साथ ही हाई रिस्क प्लान जैसे- टर्म अश्योरेंस प्लान, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, मल्टीपल रिस्क पॉलिसी वगैरह में भी इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा.
उनके पास इस मौके का फायदा उठाने के लिए 17 अगस्त से 24 अक्टूबर तक का वक्त है. इस स्कीम के तहत इंश्योरर कंपनी आपको लेट फीस के साथ बकाया प्रीमियम चुकाकर पॉलिसी रिवाइव करने का मौका दे रही है. आपको लेट फीस पर 30 फीसदी तक की छूट भी मिलेगी. हालांकि, आपको कितने प्रतिशत की छूट मिलेगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी पॉलिसी किस टाइप की है और प्रीमियम पेमेंट पर आपका चार्ज कितना है.
इन शर्तों को पूरा करना जरूरी
– जैसा कि हमने पहले बताया कि पॉलिसीहोल्डर यूलिप और हाई रिस्क पॉलिसी को छोड़कर अपनी सभी पॉलिसीज़ रिवाइव करा सकते हैं.
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– दूसरा, उन्हें पूरा प्रोसेस डेडलाइन के भीतर कंप्लीट करके रिवावइल एप्लीकेशन डालना होगा.
– तीसरा और सबसे अहम, उन्हें यह प्रूफ देना होगा कि पॉलिसी को रिवाइव कराते वक्त उनकी सेहत अच्छी है और वो किसी तरह की बीमारी से पीड़ित नहीं हैं. इसके साथ उन्हें एक कोविड-19 क्वेश्चनायर दिया जाएगा, जिसमें उन्हें सारे सवालों के सही-सही जवाब देने होंगे.
लेट फीस पर कितनी मिलेगी छूट
– अगर टोटल प्रीमियम पेमेंट 1 लाख तक है तो इस केस में लेट फीस चार्ज में 20% या 2,000 रुपये की अधिकतम छूट मिल सकती है.
– अगर प्रीमियम पेमेंट का रेंज 1 लाख से 3 लाख के बीच में है तो लेट फीस चार्ज में 25% रिबेट या फिर 2,500 रुपये की अधिकतम छूट मिलेगी.
– 3 लाख से ऊपर के प्रीमियम पेमेंट जाने पर लेट फीस में 30% या फिर 3,000 रुपये तक अधिकतम छूट मिलेगी.
कैसे रिवाइव होंगी लैप्स्ड पॉलिसी, क्या हैं नियम
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सामान्य रिवाइवल
पहले अनपेड प्रीमियम के छह महीनों के भीतर की पॉलिसी इस तरीके से रिवाइव हो जाएगी. आपको हेल्थ स्टेटमेंट भी नहीं देना होगा. आपको लेट पेमेंट के साथ ब्याज देना होगा.
नॉन मेडिकल आधार पर रिवावइल
इसके तहत लिया जाने वाला अमाउंट अश्योरेंस पर ऑथराइज़्ड लिमिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
मेडिकल आधार पर रिवावइल
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अगर कोई पॉलिसी रेगुलर या नॉन-मेडिकल बेसिस पर रिवाइव नहीं हो पा रही है, तो मेडिकल आधार पर रिवाइव हो सकती है. रिवाइव करने के लिए जो अमाउंट है, वो तय करेगा कि मेडिकल रिक्वायरमेंट्स क्या हैं.
रिवावइल की कुछ और स्कीम भी हैं-
स्पेशल रिवाइवल स्कीम.
– इंस्टॉलमेंट में रिवाइवल
– लोन-कम-रिवाइवल
– सर्वाइवल बेनेफिट-कम रिवाइवल
आप अपने एलआईसी एजेंट से बात करके या एलआईसी के अपने होम ब्रांच पर जाकर इसकी और जानकारी ले सकते हैं.