पहली EMI डिफॉल्ट के बाद, बैंक आपको एसएमएस और ईमेल के जरिए पेमेंट रिमाइंडर भेजेगा. रिमाइंडर में एक लिंक भी शामिल हो सकता है, जिसके ज़रिए आप ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें– Stocks to buy: अगले 3-6 महीने में ये 2 शेयर कराएंगे तगड़ी कमाई! एनॉलिस्ट ने दी खरीदारी की सलाह, चेक करें TGT
Home Loan EMI: होम लोन डिफॉल्ट का आपके वर्तमान और भविष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. यह आपकी साख को प्रभावित करता है, जिससे भविष्य में आपके लिए लोन लेना मुश्किल हो सकता है. अगर किसी वजह से आप लगातार तीन होम लोन EMI देने से चूक जाते हैं तो यह कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसी स्थिति में बैंक ग्राहकों को केवल चेतावनी देता है. लेकिन अगर आप लगातार तीसरे महीने भी EMI नहीं चुकाते हैं तो आपके लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है. लगातार तीन महीने तक EMI नहीं देने पर ग्राहक को डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया जाता है.
पहली EMI देने से चूक जाने पर क्या होगा?
पहली ईएमआई डिफॉल्ट के बाद, बैंक आपको एसएमएस और ईमेल के जरिए पेमेंट रिमाइंडर भेजेगा. रिमाइंडर में एक लिंक भी शामिल हो सकता है, जिसके ज़रिए आप ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं. लेंडर देरी की वजह से EMI के साथ बकाया लोन राशि पर 1-2% का जुर्माना लगा सकता है. एक बार जब आप यह भुगतान कर देते हैं, तो आपका लोन अकाउंट खाता पहले की तरह फिर से शुरू हो जाएगा.
दूसरी बार चूकने पर क्या होगा?
दूसरी ईएमआई डिफॉल्ट की स्थिति में लेंडर आपको चेतावनी जारी करेगा. बैंक आपको पेनल्टी शुल्क सहित EMI की राशि का तत्काल भुगतान करने के लिए कहेगा. आपकी वित्तीय स्थिति के आधार पर आपको यह भुगतान करने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है. हालांकि, दूसरा डिफॉल्ट बैंक को अलर्ट करेगा. अगर आप ऐसी स्थिति में हैं तो जितनी जल्दी हो सके अपनी EMI का भुगतान कर दें.
तीसरी बार डिफॉल्ट होने पर क्या होगा?
अगर आप लगातार तीसरे ईएमआई भुगतान में चूक करते हैं, तो बैंक इसे मामूली चूक मानेगा, जिसके लिए आपको रिमाइंडर मिलते रहेंगे. हालांकि, अगर आप 90 दिनों या तीन महीने के बाद भी ईएमआई भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो लेंडर बकाया राशि की वसूली के लिए आपकी संपत्ति की नीलामी के लिए कार्रवाई शुरू करेगा. बैंक-बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी बताते हैं, “ईएमआई में देरी करने पर, पहली कार्रवाई जो एक लेंडर सामान्य रूप से करता है, वह है- बकाया ईएमआई पर 1% -2% प्रति माह का जुर्माना लगाना.” यदि आप EMI भुगतान में चूक करते रहते हैं तो लेंडर आपके लोन को NPA के रूप में चिह्नित करेगा और वसूली प्रक्रिया शुरू करेगा. आमतौर पर, बैंक लोन को एनपीए के रूप में चिह्नित करने से पहले एक नोटिस भेजते हैं.
ये भी पढ़ें – Post Office की इस स्कीम में करें निवेश, एक साल में मिलेगा बैंक से भी ज्यादा फायदा, जानिए सभी डिटेल
ईएमआई डिफॉल्ट का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अगर आप लगातार तीन ईएमआई पर चूक करते हैं और 90 दिनों से अधिक के लिए बकाया राशि के भुगतान में और देरी करते हैं, तो लेंडर आपको डिफॉल्टर मान लेता है. यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में एक एनपीए के रूप में दिखाई देगा, जिससे आपके क्रेडिट स्कोर में तेजी से गिरावट आएगी. इससे आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकती है.