PPF अकाउंट में हर साल न्यूनतम 500 रुपये जमा कराने होते हैं. अगर किसी वित्त वर्ष में 500 रुपये जमा नहीं कराए जाते हैं तो पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय (Inactive) हो जाता है. खाता निष्क्रिय होने के कई नुकसान हैं.
नई दिल्ली. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेश का सबसे लोकप्रिय साधन है. इसमें किया गया निवेश सुरक्षित तो है ही, साथ ही अच्छा रिटर्न भी मिलता है. इसमें पैसा लगाकर टैक्स छूट भी प्राप्त की जा सकती है. यही कारण है कि लॉन्ग टर्म में मोटा फंड बनाने के लिए इसमें बड़ी संख्या में लोग निवेश करते हैं और यह देश में उपलब्ध लोकप्रिय निवेश योजनाओं में से एक है.
ये भी पढ़ें– Home Loan: क्या होगा अगर वक्त पर नहीं भर पाए होम लोन की EMI? तीन बार से ज्यादा डिफॉल्ट के हो सकते हैं गंभीर नतीजे
PPF में 500 रुपये से ही निवेश शुरू किया जा सकता है. पीएफ अकाउंट में 1.5 लाख रुपये एक साल में जमा कराए जा सकते हैं. इसमें निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट (Tax Exemption) मिलती है. साथ ही पीएफ से मिले ब्याज आय और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है.
कब होता है अकाउंट निष्क्रिय?
PPF अकाउंट में हर साल न्यूनतम 500 रुपये जमा कराने होते हैं. अगर किसी वित्त वर्ष में 500 रुपये जमा नहीं कराए जाते हैं तो पीपीएफ अकाउंट निष्क्रिय (Inactive) हो जाता है. खाता निष्क्रिय होने के कई नुकसान हैं. इसलिए हमेशा कोशिश की जाए कि खाता निष्क्रिय न हों. यदि किसी कारणवश पीपीएफ खाता निष्क्रिय (PPF account deactivated) हो गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है. बंद पड़ा पीपीएफ अकाउंट को जुर्माना भरकर चालू कराया जा सकता है.
ऐसे कराएं दोबारा चालू
पीपीएफ अकाउंट को फिर से शुरू करने के लिए आपको उस संस्थान में जाना होगा, जहां आपका खाता चल रहा है. यह बैंक या पोस्ट ऑफिस हो सकता है. यहां आपको खाता दोबारा चालू कराने के लिए एक फार्म भरकर देना होगा. साथ ही जिन वर्षों में आपने पीपीएफ खाते में न्यूनतम निवेश नहीं किया है, वो एरियर राशि चुकानी होगी. प्रतिवर्ष के हिसाब से 50 रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा.
ये भी पढ़ें– Indian Railways: ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग के नियमों में होगा बदलाव! खुद रेलवे ने दी बड़ी जानकारी
यह है जुर्माने का गणित
पीएफ खाते के लिए आपको जितना जुर्माना भरना है और एरियर चुकाना है, उसका हिसाब लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है. मान लें कि आपका पीपीएफ खाता 4 साल से बंद है तो आपको चार साल के हिसाब से 2000 रुपये एरियर अदा करना होगा. इसके साथ आपको 200 रुपये जुर्माना प्रतिवर्ष के 50 रुपए के हिसाब से चुकाना होगा.
खाता मैच्योर होने से पहले भी निकाले जा सकते हैं पैसे
2016 में सरकार ने कुछ खास स्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है. जानलेवा बीमारी का इलाज या बच्चे की शिक्षा के लिए खाते को पहले ही बंद कराया जा सकता है, लेकिन ऐसा पांच साल इस खाते में निवेश करने के बाद ही इससे पैसे निकाले जा सकते हैं.