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Salesforce करेगी IT प्रोफेशनल्स की बम्पर भर्ती, कौन-सी स्किल्स पर करना होगा फोकस?

फिलहाल क्लाउड बेस्ड सर्विस उपलब्ध कराने वाली सेल्सफोर्स के भारत के छह शहरों मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, गुरुग्राम और जयपुर जैसे शहरों में ऑफिस हैं. कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 7,500 से ज्यादा है.

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नई दिल्ली. सेल्सफोर्स इंडिया अगले साल जनवरी तक अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करेगी. फिलहाल कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 7,500 से ज्यादा है. कंपनी की चेयरपर्सन और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अरुंधति भट्टाचार्य ने यह जानकारी दी. फिलहाल क्लाउड बेस्ड सर्विस उपलब्ध कराने वाली सेल्सफोर्स के भारत के छह शहरों मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, गुरुग्राम और जयपुर जैसे शहरों में ऑफिस हैं.

भट्टाचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “प्राथमिकता की बात की जाए, तो भारत में सेल्सफोर्स मुख्य रूप से बैंकिंग, फाइनेंसियल सर्विस और बीमा (बीएफएसआई), मैन्युफैक्चरिंग, सेवाएं और सामाजिक सेवा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी.” उन्होंने कहा, “अभी हमारे कर्मचारियों की संख्या 7,500 से अधिक है. हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक हमारे कर्मचारियों की संख्या 10,000 के आसपास होगी. हमारा वित्त वर्ष जनवरी 2023 में समाप्त होगा.”

महामारी के तेजी से बढ़ाई कर्मचारियों की संख्या
कोविड-19 महामारी के दौरान सेल्सफोर्स ने भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ाई . अप्रैल 2020 में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 2,500 थी, जो अब बढ़कर 7,500 हो गई है. महामारी के बाद लचीली और हाइब्रिड वर्क कल्चर के बारे में भट्टाचार्य ने कहा, “हम देखेंगे कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी कार्यालय लौट रहे हैं.” उन्होंने कहा कि ऑफिस से काम करने से कर्मचारियों के बीच आपसी सहयोग बढ़ता है.

इस तरह की स्कील्स की काफी मांग
इसके अलावा अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय युवाओं को अब स्कील्स को बढ़ाने की जरूरत है, जिससे सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) कंपनियों और क्लाउड-बेस्ड कंपनियों के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विशिष्ट तकनीक सीखने को मदद करेगी. भट्टाचार्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि एनालिटिक और इंटीगिरेशन जैसी स्कील्स की अभी बहुत मांग हैं, क्योंकि इसका उद्योग काफी बड़ा है.

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टेक्नोलॉजी क्यों जरूरी?
भट्टाचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों की डिजिटल अपनाने की क्षमता भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में तेजी लाने जा रही है. उन्होंने कहा, “हमारे पास एक युवा आबादी है, जो न केवल जागरूक है बल्कि बहुत तेजी से बदलने और अपनाने के काबिल है.”

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