केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान कार्ड बनाने की गति को तेज करने का फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आयुष्मान भारत योजना के चार साल पूरे होने के मौके पर यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में
ये भी पढ़ें–Tax Collection: आने वाले महीने में लगातार बढ़ेगा टैक्स संग्रह, आसान कंप्लायंस और कंपनियों के फायदे का योगदान
हर रोज दस लाख आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। डिजिटल ऐप के जरिए अधिकारी लाभार्थी को जल्द से जल्द कार्ड मुहैया करवाने के मिशन को पूरा करेंगे।
पहले बनते थे डेढ़ लाख कार्ड
ये भी पढ़ें– PM Kisan Yojana Latest Update: क्या नवरात्र में ही जारी की जाएगी पीएम किसान की 12वीं किस्त?, जानें- यहां
मांडविया ने बताया कि एक महीने पहले तक हर रोज एक से डेढ़ लाख कार्ड ही बनाए जाते थे। इस समय हर रोज चार से पांच लाख कार्ड बनाए जा रहे हैं। अब नया लक्ष्य तय किया गया है। अब हर रोज दस लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत देश के हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने के लिए हर ज़िले में 100 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अब तक योजना के तहत 3.95 करोड़ मरीजों के इलाज पर करीब 45,294 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। देश में 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में 19 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं और 24 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) नंबर भी बनाए गए हैं।
ये भी पढ़ें– Short Term FD Rate : ICICI बैंक ने 2 करोड़ से कम राशि की अल्पावधि के लिए एफडी पर ब्याज दरों में की बढ़ोतरी
5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ विचार करने के बाद अब आयुष्मान कार्ड जारी किए हैं। इन कार्ड के जरिए केंद्र सरकार की 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही अगर राज्य सरकारों ने भी इस तरह की कोई योजना लागू की है तो एक ही कार्ड से लोग राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना का लाभ भी ले सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने को- ब्रैंडिंग कॉन्सेप्ट को लागू किया है।