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काम की बात: कैसे ठीक रखें अपना क्रेडिट स्कोर, लोन दिलाने में करता है बड़ी मदद

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अगर ईएमआई भरने में चूक होती है तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर फर्क पड़ता है. आपका क्रेडिट स्कोर भविष्य में कभी लोन लेने के लिए काफी मददगार साबित होता है.

नई दिल्ली. भारत में आय वृद्धि के साथ-साथ क्रेडिट का इस्तेमाल भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है. देश में क्रेडिट कार्ड की संख्या पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ी है. लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड से खर्च करते हैं जो एक कर्ज होता है. आमतौर पर लोग इसे ड्यू डेट से पहले ही चुका देते हैं लेकिन कर्ज ज्यादा होने पर वे इसे किस्तों में भरते हैं.

अगर ईएमआई भरने में चूक होती है तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर फर्क पड़ता है. आपका क्रेडिट स्कोर भविष्य में कभी लोन लेने के लिए काफी मददगार साबित होता है. अगर यह बेहतर नहीं है तो आपको महंगा और मुश्किल से कर्ज मिलेगा. वहीं, क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर आपको सस्ता कर्ज मिल सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपना क्रेडिट स्कोर दुरुस्त रख सकते हैं.

ड्यू डेट याद रखें
क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते समय यह जरूर याद रखें कि पेमेंट की ड्यू डेट क्या है. जितना संभव हो सके इस डेट से दूरी पर शॉपिंग करने की कोशिश करें. इससे आपको पेमेंट करने के लिए अधिक समय मिलेगा. अगर पेमेंट ड्यू डेट तक नहीं होती है तो आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ेगा.

लिमिट एक्सीड न करें
कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को पार न करें. बार-बार ऐसा करने से आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है और आपके लोन लेन की क्षमता प्रभावित होती है.

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो का ध्यान रखें
हमेशा कोशिश करें कि आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कम हो. आपके कार्ड की लिमिट में से आप कितना खर्च कर रहे हैं इसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कहा जाता है. मान लीजिए आपकी कार्ड की लिमिट एक लाख रुपये है और आप हर महीने उसमें से 50,000 रुपये खर्च कर रहे हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो 50 फीसदी होगा. 30 फीसदी तक के यूटिलाइजेशन रेश्यो को आमतौर पर अच्छा माना जाता है. इसलिए प्रयास करें कि यह 30 फीसदी से नीचे ही रहे.

सेटलमेंट नहीं लोन खत्म करें
लोन सेटलमेंट का मतलब होता है कि आप कर्ज ली गई मूल रकम से कम रकम और फिर उस पर ब्याज चुकाएं ऐसा आर्थिक तंगी समेत अन्य कारणों से किया जाता है. लेकिन इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है और कोई और बैंक ये देखता है कि आपके लोन चुकता किया है या उसका सेटलमेंट किया है.

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