Ration Card Latest News: राशन कार्ड को लेकर सरकार की सख्ती तेज होती जा रही है. अब इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड का निरस्तीकरण शुरू किया है. इसके तहत जांच में अपात्र पाए जाने वाले लाभार्थी का नाम काटकर उनकी जगह जरूरमंद व्यक्ति का नाम राशन कार्ड की लिस्ट में शामिल किया जा रहा है.
Ration Card Update: राशन कार्ड को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही सख्त होते जा रहे हैं. एक तरफ केंद्र सरकार ने फ्री राशन योजना को दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है, दूसरी तरफ सरकार ने राशन कार्ड के में हो रही गड़बड़ियों को लेकर सख्ती दिखाई है. पहले राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर खूब खबरें आ थी, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार अपात्रों से वसूली करेगी. हालांकि बाद में इस पर सरकार अपना बयान जारी कर बताया था, कि सरकार ने वसूली पर कोई विचार नहीं किया है. अब एक बार फिर सरकार एक्शन में दिख रही है. सरकार अब फिर अपात्रों को लेकर सख्ती दिखा रही है, और उनका नाम काट रही है.
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अपात्रों का कटेगा नाम!
अब यूपी सरकार ने प्रदेश में राशन कार्डों का निरस्तीकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. यूपी सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, सरकार अपात्रों का नाम काट कर उसकी जगह पत्रों का नाम जोड़ेगी, जिससे ऐसे लोग जो पात्र हैं और लाभ नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें फायदा होगा. दरअसल, सरकार का साल 2011 की जनगणना के अनुसार राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा हो चुका है.अब नए राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते. ऐसे में, सरकार केवल जरूरतमंदों को ही फ्री राशन का फायदा देने के लिए अपात्रों का का नाम काट कर वहां पत्रों का नाम जोड़ रही है. इसकी शुरुआत यूपी के अलग-अलग जिलों से हो चुकी है.
किस आधार पर जोड़े जा रहे नाम?
आपको बता दें कि चुकी सरकार नए नाम नहीं जोड़ सकती है इसलिए नए राशन कार्ड के लिए आवेदन को जगह देने के लिए पुराने कार्डों की जांच की जा रही है, और अपात्र पाए गए लोगों का राशन कार्ड निरस्त किए जा रहे हैं. इसके बाद, निरस्त किए गए अपात्र लोगों के कार्ड के स्थापन पर ही नए जरूरतमंद पात्रों को राशन योजना का फायदा दिया जा रहा है. यानी अब भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में वर्ष 2011 की जनसंख्या अनुपात के आधार पर ही नाम जोड़े जा रहे हैं, बस इसके लिए सरकार स्पेस बना रही है.हालांकि कई शहर की आबादी 2011 की तुलना में 2022 में दोगुनी हो चुकी है.
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2021 में नहीं हुई जनगणना
गौरतलब है कि साल 2021 में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण जनगणना नहीं हो पाई थी. इसलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए जनसंख्या अनुपात को बढ़ाना जरूरी हो गया है, जिससे शहरी गरीबों को योजना का लाभ मिल सके. ऐसे में सरकार ने नया तरीका निकाला है. इसके तहत प्रदेश के जिला पूर्ति कार्यालय और तहसील स्तर के पूर्ति कार्यालय में आने वाले नए राशन कार्ड के आवेदनों को जमा कर लिया जाता है. उसके बाद जांच के आधार पर अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त कर उनकी जगह पात्रों के राशन कार्ड बनाते हैं.