भारत के सामने एक बड़ी समस्या है चल रही परियोजनाओं में देरी. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक, देश में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में आधे देरी से चल रहे हैं. गति-शक्ति इस बीमारी के लिए इलाज का काम कर सकती है.
ये भी पढ़ें– PM Narendra Modi Birthday 2022: पीएम मोदी के 5 वो फैसले जो सालों तक नहीं भूल पाएंगे लोग
नई दिल्ली. दुनियाभर के निर्माता अपना प्रोडक्शन बढ़ाने और सप्लाई चेन के विस्तार के लिए अब चीन प्लस वन पॉलिसी की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत इस पोजिशन के लिए एक मजबूत दावेदार बनकर उभर सकता है. भारत के पास युवा श्रम है जो व्यापक रूप से अंग्रेजी बोल और पढ़ सकता है. इसके अलावा भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था है और यह तथ्य देश के पक्ष में काम करता है.
हालांकि, प्रोजेक्ट्स में देरी भारत के सामने एक बड़ी समस्या है. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक, देश में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में आधे देरी से चल रहे हैं. इतना ही नहीं, हर 4 में से एक प्रोजेक्ट की कीमत उसकी एस्टिमेटेड वैल्यू से ऊपर जा चुकी है. इसी दुविधा का 100 लाख करोड़ रुपये (1.2 ट्रिलियन डॉलर) की पीएम गति-शक्ति योजना अंत कर सकती है. इस योजना के तहत 16 मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म गति-शक्ति पोर्टल पर लाया गया है. जहां निवेशकों को प्रोजेक्ट के डिजाइन, एस्टिमेडेट कॉस्ट और उसके लिए तेजी से अनुमति प्राप्त होगी.
नई दिल्ली. दुनियाभर के निर्माता अपना प्रोडक्शन बढ़ाने और सप्लाई चेन के विस्तार के लिए अब चीन प्लस वन पॉलिसी की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत इस पोजिशन के लिए एक मजबूत दावेदार बनकर उभर सकता है. भारत के पास युवा श्रम है जो व्यापक रूप से अंग्रेजी बोल और पढ़ सकता है. इसके अलावा भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था है और यह तथ्य देश के पक्ष में काम करता है.
हालांकि, प्रोजेक्ट्स में देरी भारत के सामने एक बड़ी समस्या है. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक, देश में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में आधे देरी से चल रहे हैं. इतना ही नहीं, हर 4 में से एक प्रोजेक्ट की कीमत उसकी एस्टिमेटेड वैल्यू से ऊपर जा चुकी है. इसी दुविधा का 100 लाख करोड़ रुपये (1.2 ट्रिलियन डॉलर) की पीएम गति-शक्ति योजना अंत कर सकती है. इस योजना के तहत 16 मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म गति-शक्ति पोर्टल पर लाया गया है. जहां निवेशकों को प्रोजेक्ट के डिजाइन, एस्टिमेडेट कॉस्ट और उसके लिए तेजी से अनुमति प्राप्त होगी.
200 प्रोजेक्टस की समस्यओं को खत्म किया
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विशेष सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि इस योजना का मकसद प्रोजेक्ट्स को समय पर खत्म करवाना और ओवरकॉस्ट से बचाना है. उन्होंने बताया कि करीब 422 परियोजनाओं में गति-शक्ति पोर्टल ने कुछ समस्याओं की पहचान की और इनमें से 200 का निपटारा कर दिया. मीणा ने कहा कि सरकार गति-शक्ति पोर्टल का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में आ रही परेशानियों को पहचानने के लिए कर रही है. करीब 196 प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता पर रखा गया है. सड़क मंत्रालय 11 ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है जो सरकार की भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाए जाने हैं. इनकी कीमत करीब 106 अरब डॉलर है. इसमें 83677 किलोमीटर सड़क बननी है.