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NCD: 10 साल के निवेश पर 10.10% सालाना तक मिलेगा रिटर्न, आज से निवेश का खुला नया विकल्‍प

Edelweiss Financial Services NCD: बाजार में उतार चढ़ाव है, जिससे इक्विटी में नुकसान हो रहा है. स्माल सेविंग्स स्कीम में रिटर्न बहुत कम रह गया है. ऐसे में अगर आप निवेश के लिए कोई बेहतर विकल्प की तलाश में हैं तो आज से अच्छा मौका है. Edelweiss Financial Services का नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) निवेश के लिए आज यानी 3 अक्‍टूबर से खुल गया है. यह निवेश के लिए 17 अक्‍टूबर तक खुला रहेगा. इस नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर का साइज 400 करोड़ रुपये का होगा. इसका बेस साइज 200 करोड़ रुपये है और इसमें ओवरसब्सक्रिप्शन के जरिए 200 करोड़ जुटाने का विकल्प है. इसमें अलग अलग 10 विकल्पों में अधिकतम 10.10 फीसदी सालाना रिटर्न मिलेगा.

NCD रेटिंग

Edelweiss Financial Services की NCD को CRISIL से AA-/Negative रेटिंग मिली है. वहीं ACUITE से AA-/Negative रेटिंग है. यानी यह पूरी तरह से सेफ भी नहीं है. वैसे बेहतर रेटिंग का भी यह मतलब नहीं होता है कि कोई एनसीडी पूरी तरह से निवेश का सुरक्षित विकल्प है.

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कितना मिल रहा है ब्याज

Edelweiss Financial Services की NCD में निवेश के 10 अलग अलग विकल्प हैं. मैच्‍योरिटी 24 महीने से 120 महीने की है. जिनमें मंथली, एनुअल या मेच्योरिटी पूरी होने पर इंटरेस्ट पेमेंट की सुविधा है. यानी इसमें आप सालाना, मासिक या फिर एक साथ ब्याज पाने का ऑप्शन चुन सकते हैं. अलग अलग विकल्पों में 8.84 फीसदी से 10.09 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यानी बैंकों की एफडी से 3 फीसदी ज्यादा ब्याज.

कितना करना होगा निवेश

एक NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. अलॉटमेंट फर्स्‍ट कम फर्स्‍ट सर्विस बेसिस पर है.

क्‍या होता है NCD

नॉन-कन्‍वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं. इन्‍हें कंपनी जारी करती है. इनके जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्‍यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्‍याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्‍स होती है. इनकी मैच्‍योरिटी पर निवेशकों को ब्‍याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं.

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सिक्‍योर्ड एनसीडी का मतलब इसमें कंपनी की सिक्‍योरिटी होती है. कंपनी अगर किसी वजह से निवेशकों को पैसे पेमेंट नहीं कर पाती तो निवेशक उसके एसेट को बेचकर अपना पैसा निकाल सकते हैं. अनसिक्‍योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्‍योरिटी नहीं होती हैं. इस‍में जोखिम ज्यादा होता है.

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