कमर दर्द आज की भागदौड़ भरी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हो गया है. कमर दर्द को घर पर ही मैनेज किया जा सकता है. यहां हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आपको कमर दर्द में बड़ा आराम मिलेगा.
Back Care Awareness Week: रीढ़ हमारे शरीर का आधार है और हमारे ठीक से खड़े होने, चलने-फिरने में कमर का महत्वपूर्ण योगदान होता है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब अपनी कमर का ध्यान रखना भूल जाते हैं, शायद यही कारण है कि 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक बैक केयर अवेयरनेस वीक के रूप में मनाया जाता है. पीठ के निचले हिस्से यानी कमर के दर्द को लोवर बैक कहा जाता है. ऐसे में कमर में स्टिफनेस के साथ ही कमर की लचक कम हो जाती है और व्यक्ति को सीधा खड़े होने में भी दिक्कत होती है. कमर दर्द से बचने और कमर दर्द में राहत महसूस करने और भविष्य में कमर दर्द न हो इसके लिए आप घर पर कई तरह के कार्य कर सकते हैं.
कमर दर्द के बारे में एक आम धारणा यह है कि इससे राहत पाने के लिए आपको लंबे समय तक आराम की आवश्यकता होती है. इस दौरान तमाम लोग आपको किसी भी तरह की गतिविधि से बचने की सलाह देते हैं. हालांकि, डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह नहीं देते हैं. अगर आपको कमर दर्द के गंभीर लक्षण और कारण नहीं दिख रहे हैं तो आपको स्वयं को एक्टिव रखना चाहिए. कमर दर्द ज्यादा होने पर मल-मूत्र पर नियंत्रण नहीं रहना, कमजोरी होने लगती है और वजन गिरने के साथ ही बुखार भी होता है. अगर ये लक्षण दिख रहे हैं, तभी आपको आराम की सलाह दी जाती है.
अगर आपकी कमर में बहुत ज्यादा दर्द है तो निम्न उपाय करें –
- शुरुआती कुछ दिनों तक आपको अपनी नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटी को रोकना होगा. इससे आपको दर्द के लक्षणों में आराम मिलेगा, अगर सूजन है तो वह भी कम हो जाएगी.
- जिस हिस्से में दर्द हो रहा है वहां पर गर्म पानी और बर्फ से सिकाई करें. शुरुआती 48-72 घंटे के दौरान बर्फ से सिकाई करें और बाद में गर्म पानी या हीट पैड से सिकाई करें.
- ओवर द काउंटर (OTC) यानी कैमिस्ट से दर्द निवारक दवा लेकर उसका सेवन करने से आपको दर्द के लक्षणों में राहत मिलेगी.
- अपने पैरों के बीच में तकिया लगाकर भ्रूण की स्थिति में सोएं. अगर पीठ के बल सोते हैं तो घुटनों के नीचे तकिया लगाएं या तौलिया रोल करके उसे रखें.
दर्द शुरू होने के बाद पहले 6 हफ्तों तक वजन उठाने, ट्विस्ट करने जैसी गतिविधियां न करें. - दर्द शुरू होने के अगले दिन किसी तरह की एक्सरसाइज न करें. दो से तीन हफ्ते बाद धीरे-धीरे एक्सरसाइज शुरू करें. एक्सरसाइज शुरू करने के लिए फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद लें, वह आपको सही तरीके से व्यायाम करना सिखाएंगे.
- भविष्य में दर्द न हो, उसके लिए क्या करें
- अपने बैठने और लेटने के तरीके में सुधार करें यानी पॉश्चर सुधारें
- अपनी पीठ और पेट को मजबूती दें, फ्लेक्सिब्लिटी बढ़ाएं
- वजन नियंत्रित रखें, अगर ज्यादा है कम करें
- गिरने से बचें
एक अच्छे व्यायाम में एरोबिट एक्टिविटी भी शामिल होती हैं. इसमें वॉक, स्वीमिंग और साइकिलिंग भी आती हैं. एक अच्छे व्यायाम कार्यक्रम में स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग को भी शामिल किया जाता है. लेकिन हमारी आपको सलाह है कि कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर और फिजिकल थेरेपिस्ट से सलाह जरूर ले लें.
अपने दैनिक व्यायाम की शुरुआत हल्के कार्डियोवस्कुलर ट्रेनिंग से करें. आप चाहें तो इसके लिए वॉक, साइकिल राइडिंग, स्वीमिंग आदि कर सकते हैं. इस तरह के एरोबिक व्यायाम आपके कमर के हिस्से में ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं और दर्द से जल्द छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं. इन व्यायाम की मदद से कमर और पेट की मांसपेशियों को भी ताकत मिलती है.
स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंदनिंग एक्सरसाइज आगे चलकर जीवन में आपके लिए मददगार साबित होते हैं. हालांकि, आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी चोट या दर्द के तुरंत बाद यह व्यायाम जल्दी शुरू करने से आपका दर्द बढ़ सकता है. पेट की मांसपेशियों को मजबूती देने से आपके कमर का दबाव कुछ हद तक कम होगा और यह मांसपेशियां आपके शरीर का कुछ वजन आसानी से उठा लेंगी. स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंदनिंग एक्सरसाइज कम करें और कैसे करें यह समझने के लिए आपको किसी फिजिकल थेरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए.
जब तक आपका डॉक्टर या फिजिकल थेरेपिस्ट न कहे, तब तक दर्द से उबरने के दौरान आपको इन व्यायामों से बचना चाहिए –
- जॉगिंग
- ऐसे खेल, जिनमें आप दूसरों से टकरा सकते हैं
- बेडमिंटन और टेनिस जैसे रैकेट स्पोर्ट्स
- गोल्फ
- डांस
- वेट लिफ्टिंग
- पेट के बल लेटकर पैर उठाना
- सिटअप यानी उठक-बैठक
कमर दर्द से बचने के लिए आपको वजन उठाने और झुकने का तरीका भी सीखना होगा. इसके लिए आपको निम्न कुछ तरीके अपनाने चाहिए –
- अगर कोई चीज बहुत भारी है तो उसे उठाने के लिए किसी की मदद लेने में संकोच न करें.
- वजन उठाते समय स्वयं को सपोर्ट देने के लिए अपने पैरों को यथा संभवन फैला लें.
- जिस वस्तु को उठा रहे हैं, उसके जितना संभव हो करीब पहुंचें.
- किसी चीज को नीचे से उठाने के लिए घुटनों से झुकें, कमर न झुकाएं.
- जब आप किसी चीज को उठाएं या नीछे रखें तो पेट की मांसपेशियों को कस लें.
- वस्तु को अपने शरीर के यथासंभव करीब पकड़ें.
- किसी वस्तु को उठा रहे हैं तो पैर की मांसपेशियों का इस्तेमाल करें.
- किसी वस्तु को पकड़ते हुए खड़े होने पर आगे की ओर न झुकें, कोशिश करें कि आपकी कमर सीधी रहे.
- किसी वस्तु तक पहुंचने, उठाने या लेकर जाने के लिए न झुकें.
कमर दर्द से बचने के लिए इन उपायों को भी अपनाएं
- लंबे समय तक खड़े न रहें. अगर खड़े रहना बहुत जरूरी हो तो पास में एक स्टूल जरूर रख लें. अपने दोनों पैरों को एक-एक कर स्टूल पर रखकर आराम दें.
- आपको हाई हील नहीं पहनने चाहिए. वॉक करते समय अच्छे कुशन वाले जूते पहनने चाहिए.
- जब आप कंप्यूटर पर काम करने के लिए कुर्सी पर बैठें तो ध्यान रखें कि इसका बैकरेस्ट सीधा हो और सीट एडजेस्टेबल हो, आर्म रेस्ट हों और आसानी से घूम सकती हो.
- बैठते समय अपने पैरों के नीचे एक स्टूल का इस्तेमाल करें, ताकि आपके घुटने, हिप्स से ऊपर रहें.
- अपनी पीठ के पीछे एक कुशन का इस्तेमाल करें या तौलिये को रोल करके लगाएं.
- अगर आप लंबी दूरी तक ड्राइविंग कर रहे हों तो हर घंटे रुकें और कुछ दूरी तक वॉक करें. लंबी दूरी तक ड्राइव करने के तुरंत बाद भारी सामान न उठाएं.
वजन कम करें. - अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूती देने के लिए एक्सरसाइज करें. इससे आपकी कोर को मदद मिलेगी और आगे से चोट का खतरा कम होगा.
- आपको आराम करना भी सीखना होगा. आपको योग और मसाज आदि करना चाहिए.