EPF सब्स्क्राइबर्स के खाते में अगर ब्याज नहीं दिख रहा है तो वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया है कि यह सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन की वजह से हो रहा है. जो लोग रिटायर हो रहे हैं. उनके ब्याज को कैलकुलेट करके उनके खाते में भेजा रहा है.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के ग्राहक अपने सेवानिवृत्ति बचत खाते में ब्याज क्रेडिट क्यों नहीं देख पा रहे हैं, इस पर वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. EPF सब्सक्राइबर्स को उनके रिटायरमेंट सेविंग अकाउंट्स में 2021-22 के लिए 8.1% की ब्याज दर मिलेगी. सरकार पहले ही इसके बारे में घोषणा कर चुकी है
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वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए बताया है कि पीएफ बचत पर टैक्सशन कानूनों में बदलाव के लिए “सॉफ्टवेयर अपग्रेड” के कारण ग्राहक ब्याज क्रेडिट नहीं देख पा रहे हैं. मंत्रालय ने ट्वीट किया, “किसी भी ग्राहक के लिए ब्याज की कोई हानि नहीं हुई है. ब्याज सभी ईपीएफ ग्राहकों के खातों में जमा किया जा रहा है. हालांकि, यह ईपीएफओ द्वारा लागू किए जा रहे एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड के मद्देनजर दिखाई नहीं दे रहा है.”
There is no loss of interest for any subscriber.
The interest is being credited in the accounts of all EPF subscribers. However, that is not visible in the statements in view of a software upgrade being implemented by EPFO to account for change in the tax incidence. (1/2)
वित्त मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “सभी निवर्तमान ग्राहकों के लिए निपटान की मांग करने वाले और निकासी की मांग करने वाले ग्राहकों के लिए भुगतान ब्याज सहित किया जा रहा है.”
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इंफोसिस टेक्नोलॉजीज के पूर्व निदेशक मोहनदास पई के एक ट्वीट के जवाब में वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया. इससे पहले मोहनदास पई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री कार्यालय और पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया है, “प्रिय ईपीएफओ, मेरी रुचि कहां है? @PMOIndia @narendramodi सर को सुधारों की आवश्यकता है! नौकरशाही की अक्षमता के कारण नागरिकों को क्यों नुकसान उठाना चाहिए? कृपया मदद करें @DPIITGoI @FinMinIndia @nsitharaman @sanjeevsanyal
इससे पहले, इस साल मार्च में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2020-21 में प्रदान किए गए 8.5% से 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज को कम करके 8.1% करने का निर्णय लिया था.
ईपीएफओ कार्यालय के आदेश के अनुसार, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना के प्रत्येक सदस्य को 2021-22 के लिए 8.1 प्रतिशत ब्याज दर क्रेडिट करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी से अवगत कराया है.
गौरतलब है कि पीएफ पर 8.1 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जा रहा है जो 1977-78 के बाद से सबसे कम दर है. जब यह 8 प्रतिशत थी. केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर मार्च 2021 में तय की थी.
अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी. इसके बाद, ईपीएफओ ने फील्ड कार्यालयों को 2020-21 के लिए ग्राहकों के खाते में ब्याज आय को 8.5 प्रतिशत पर जमा करने के निर्देश जारी किए.
मार्च 2020 में, EPFO ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के लिए सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत से घटाकर 2018-19 में 8.65 प्रतिशत कर दिया था.
2019-20 के लिए प्रदान की गई ईपीएफ ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी, जब इसे घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था. ईपीएफओ ने अपने ग्राहकों को 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दर मुहैया कराई थी.
2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ा अधिक थी. इसने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक है. 2011-12 में ब्याज दर 8.25 फीसदी थी