Pregnancy Risks-प्रेग्नेंसी में शरीर में हार्मोंस चेंज होते हैं जिस वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ये परेशानियां शारीरिक और बच्चे से जुड़ी भी हो सकती हैं. अधिकतर महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है.
Pregnancy Risks- प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक खूबसूरत अहसास होता है. इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. किसी के लिए ये बदलाव अच्छे होते हैं तो किसी के लिए तकलीफदेह. प्रेग्नेंसी में शरीर में हार्मोंस चेंज होते हैं जिस वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ये परेशानियां शारीरिक और बच्चे से जुड़ी भी हो सकती हैं. हालांकि कई समस्याएं प्रेग्नेंसी के बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन कुछ लाइफलॉन्ग भी परेशान कर सकती हैं. अधिकतर महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है. इसका मुख्य कारण हार्मोंस में होने वाला चेंज हो सकते हैं. ऐसी ही 5 समस्याएं हैं जिनका सामना ज्यादातर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान करना पड़ता है जानते हैं इनके बारे में.
हाई ब्लड प्रेशर
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना सामान्य है. प्रेग्नेंसी में दवाओं के साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. हेल्थलाइन के अनुसार प्रेग्नेंसी में महिला का वजन और ब्लड की मात्रा काफी बढ़ जाती है जिस वजह से हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा अधिक हो जाता है. महिला को इस स्थिति का सामना 25 हफ्ते के बाद करना पड़ सकता है. हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए वॉक या मेडिटेशन किया जा सकता है.
डायबिटीज
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होना सामान्य है. अधिकतर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में डायबिटीज के लक्षण आते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में प्रेग्नेंसी के बाद ये अपने आप ही नॉर्मल हो जाती है. कई महिलाओं को इसे कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन भी लेना पड़ जाता है लेकिन इससे बच्चे को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता.
थाइरॉइड
प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड की मात्रा मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है. थाइरॉइड के बढ़ने से मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे बच्चे की हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है. थाइरॉइड को नियंत्रित रखने के लिए योगा और दवाईयों का सहारा लिया जा सकता है.
किडनी प्रॉब्लम
किडनी की प्रॉब्लम होने से महिलाओं को काफी दर्द सहना पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी में खानपान और अधिक वेट बढ़ने के कारण किडनी पर प्रेशर पड़ने लगता है. प्रेग्नेंसी में कई बार यूरिन भी जाना पड़ता है जिस वजह से यूरिन इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है.