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कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा ओला सीईओ का आक्रामक रवैया, बेफिक्र भाविश बोले- मैं ऐसा ही हूं

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कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी की बैठकों के दौरान भाविश अग्रवाल बहुत छोटी सी बात पर ही आवेश में आ जाते हैं. किसी प्रजेंटेशन में हल्‍की सी त्रुटि होने पर वे प्रजेंटेशन फाड़ देते हैं. भावेश के व्‍यवहार से ओला में काफी तनाव है.

नई दिल्ली. ओला संस्‍थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल का आक्रामक और रूखा व्‍यवहार बहुत से कर्मचारियों, मैनेजर्स और बोर्ड सदस्‍यों को परेशान कर रहा है. छोटी-छोटी बातों पर भाविश के उग्र होने से ओला में वर्क कल्‍चर काफी तनावपूर्ण हो गया है. यही वजह है कि दर्जनों वरिष्‍ठ अधिकारियों ने एक या दो साल ओला में काम करने के बाद ही कंपनी को छोड़ना बेहतर समझा है. हालांकि, भाविश अग्रवाल का कहना है कि ओला की यात्रा साधारण नहीं है. हर कोई हमारी कार्य संस्कृति में फिट नहीं हो सकता.

ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओला के दो दर्जन से ज्‍यादा वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के  साक्षात्‍कारों से पता चला है कि ओला के कर्मचारी दबाव में हैं. कर्मचारियों ने बताया कि कई बार आवेश में आकर भावेश ने पंजाबी में कर्मचारियों और अधिकारियों को हड़काया और उन्‍हें ‘नकारा’ तक घोषित कर दिया. नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ओला में काम का माहौल बहुत प्रतिकूल हो गया है.

छोटी-छोटी बातों पर उत्‍तेजित हो जाते हैं भाविश 
कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी की बैठकों के दौरान भाविश अग्रवाल बहुत छोटी सी बात पर ही आवेश में आ जाते हैं. किसी प्रजेंटेशन में हल्‍की सी त्रुटि होने पर वे प्रजेंटेशन फाड़ देते हैं. अगर वाक्‍य-विन्‍यास जरा सा भी गलत हो या कागज की गुणवत्‍ता थोड़ी खराब हो तो ओला के सीईओ नाराज हो जाते हैं. इन सब वजहों से एक घंटे के लिए निर्धारित मीटिंग कई बार 10 मिनट में ही खत्‍म हो जाती है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक कर्मचारी को तो भाविश ने ओला की कई एकड़ में फैली फ्यूचरफैक्ट्री के तीन चक्कर केवल इसलिए लगवा दिए क्‍योंकि उसने वो दरवाजा बंद कर दिया था, जिसे खुला रहना चाहिए था.

भाविश बोले- हमारी यात्रा आसान नहीं
अपनी प्रबंधन शैली के बारे में पूछे जाने पर, अग्रवाल ने ब्लूमबर्ग से कहा कि हर कोई हमारी संस्कृति के लिए उपयुक्त नहीं है. हम स्थायी प्रभाव वाली कंपनियों का निर्माण करना चाहते हैं, भले ही इसके लिए कुछ लोगों को गलत तरीके से रगड़ना पड़े. उन्‍होंने कहा “ओला में जुनून और भावनाएं हाई लेवल पर हैं. और हम एक आसान यात्रा पर नहीं हैं. लेकिन मैं अपने लिए या ओला के लिए एक आसान यात्रा नहीं चुनना चाहता. मुझमें गुस्‍सा और हताशा है- मैं पूरी तरह से ऐसा ही हूं.”

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